सिकंदराबाद। सर्वर डाउन होने से किसानों को इंटरनेट से फर्द नहीं मिल पा रही है। ऐसे में तमाम किसान तहसील कंपाउड में आने के बाद रोजाना लौट रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकारी बैंक कृषि भूमि की खतौनी देखे बगैर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनाने से इनकार कर देते हैं। अगर किसानों को समय पर कर्ज नहीं उपलब्ध हुआ तो खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
इंटरनेट की चौपट व्यवस्था ने किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। बुधवार को तहसील कंपाउंड में ऑनलाइन फर्द लेने पहुंचे करीब 40 किसानों को लौटना पड़ा। किसान फर्द लेने के लिए कतार में खड़े रहे लेकिन बीएसएनएल की इंटरनेट सेवा ठप रही। नतीजतन, सर्वर डाउन हो गया। किसानों को कृषि भूमि की फर्द और खतौनी नहीं मिल सकी और वे लौट गए।
तहसीलदार जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सिकंदराबाद‘ऑनलाइन फर्द सिस्टम को और भी प्रभावी बनाया जा रहा है। बीएसएनएल के अलावा दूसरी कंपनी का ब्रॉडबैंड की व्यवस्था पर विचार हो रहा है। अब किसानों को परेशानी नहीं होगी।’