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मनरेगा के 50 रुपये भी हड़प रहे प्रधान
Bulandshahr
Updated Wed, 16 May 2012 12:00 PM IST
बुलंदशहर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के लिए गठित मनरेगा निगरानी समिति ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी को मनरेगा रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी तरीके से जॉब कार्ड रिश्तेदारों को बांटे गए हैं। रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि प्रधानों ने मजदूरों को दी जाने वाली 125 रुपये में से 50 रुपये हड़पे हैं।
मनरेगा निगरानी समिति की प्रदेश सचिव डेजी रानी मिश्रा ने बताया कि 12 से 13 मई को अनूपशहर और डिबाई तहसीलों के गांवों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया है कि गरीब और जरूरतमंदों को मनरेगा योजना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। छह माह से ग्रामीणों ने कोई काम नहीं किया फिर भी उनके नाम जॉब कार्ड बनाए गए। समिति की सचिव ने कहा कि ग्राम प्रधानों द्वारा रिश्तेदार, सगे संबंधियों के जॉब कार्ड बनाए जाने का मामले सामने आया है। उन्होंने बताया कि जिन मजदूरों को 125 रुपये एक दिन की दिहाड़ी से दिए जाते हैं, उनमें से 50 रुपये प्रधान को देने की शिकायत मिली है। डेजी रानी मिश्रा ने बताया कि गांव मुबारकपुर, कल्याणपुर, मोहम्मदपुर के सूरज गिरी, देवीशरण, राजेंद्र आदि लोगों को पिछले पांच साल से जॉब कार्ड होने के बाद पारिश्रमिक नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि मनरेगा द्वारा कराए गए कार्यों की जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। फिलहाल निरीक्षण रिपोर्ट को राहुल गांधी के पास भेजा गया है।
इनका हुआ निरीक्षण
दो दिन में 40 गांवों के 138 लोगों ने मनरेगा में धांधली की शिकायत की है। मनरेगा निगरानी समिति की प्रदेश सचिव ने जहांगीराबाद, अनूपशहर, डिबाई, राजघाट, नरौरा, अहार, कर्णवास, सरौरा बांगर, उदयगढ़ी आदि गांवों का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाई है।
बुलंदशहर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के लिए गठित मनरेगा निगरानी समिति ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी को मनरेगा रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी तरीके से जॉब कार्ड रिश्तेदारों को बांटे गए हैं। रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि प्रधानों ने मजदूरों को दी जाने वाली 125 रुपये में से 50 रुपये हड़पे हैं।
मनरेगा निगरानी समिति की प्रदेश सचिव डेजी रानी मिश्रा ने बताया कि 12 से 13 मई को अनूपशहर और डिबाई तहसीलों के गांवों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया है कि गरीब और जरूरतमंदों को मनरेगा योजना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। छह माह से ग्रामीणों ने कोई काम नहीं किया फिर भी उनके नाम जॉब कार्ड बनाए गए। समिति की सचिव ने कहा कि ग्राम प्रधानों द्वारा रिश्तेदार, सगे संबंधियों के जॉब कार्ड बनाए जाने का मामले सामने आया है। उन्होंने बताया कि जिन मजदूरों को 125 रुपये एक दिन की दिहाड़ी से दिए जाते हैं, उनमें से 50 रुपये प्रधान को देने की शिकायत मिली है। डेजी रानी मिश्रा ने बताया कि गांव मुबारकपुर, कल्याणपुर, मोहम्मदपुर के सूरज गिरी, देवीशरण, राजेंद्र आदि लोगों को पिछले पांच साल से जॉब कार्ड होने के बाद पारिश्रमिक नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि मनरेगा द्वारा कराए गए कार्यों की जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। फिलहाल निरीक्षण रिपोर्ट को राहुल गांधी के पास भेजा गया है।
इनका हुआ निरीक्षण
दो दिन में 40 गांवों के 138 लोगों ने मनरेगा में धांधली की शिकायत की है। मनरेगा निगरानी समिति की प्रदेश सचिव ने जहांगीराबाद, अनूपशहर, डिबाई, राजघाट, नरौरा, अहार, कर्णवास, सरौरा बांगर, उदयगढ़ी आदि गांवों का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाई है।