खुर्जा जंक्शन। जंक्शन क्षेत्र के एक गांव में बेटे ने अपने जीवित पिता के कहने पर उनकी तेरहवीं का जश्न धूमधाम से मनाया। तेरहवीं कार्यक्रम में शिरकत करने आए लोग और रिश्तेदार भी इस आयोजन से हैरत में पड़ गये। तेरहवीं में रंगमंच की महिला कलाकारों ने फिल्मी धुनों पर ठुमके लगाए। ब्रह्मभोज में करीब दो हजार लोगों ने भोजन ग्रहण किया। जिंदा रहते हुए तेहरवीं का यह रंगारंग कार्यक्रम क्षेत्र में चर्चा विषय बना हुआ है।
खुर्जा जंक्शन क्षेत्र के बुढै़ना गांव निवासी 65 वर्षीय महिपाल ने जीवित रहते हुए अपने इकलौते बेटे चंद्र प्रकाश से अपनी तेरहवीं जश्नपूर्वक मनाने के लिए कहा। पिता की इच्छा के अनुसार सोमवार को तेरहवीं का यादगार रंगारंग जश्न मनाया। इस दौरान रंगमंच के महिला कलाकारों ने फिल्मी गीतों पर नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। ब्रह्मभोज में पहुंचे लोग भी इस अनोखे इंतजाम को देखकर दंग रह गए। तेरहवीं के लिए बनाए गए पंडाल ब्रह्मभोज में स्वादिष्ट कचौड़ी, सब्जी, लड्डू और रायता आदि परोसा गया। गांव, आसपास के गांवों और रिश्तेदारों समेत करीब दो हजार लोगों ने ब्रह्मभोज किया।
महिपाल के बेटे चंद्र प्रकाश ने बताया कि उसके पिता की इच्छा थी कि जीते जी उनकी तेरहवीं करवाई जाए। बेटे ने कहा कि यदि मैं उनके मरने के बाद कितना भी तेरहवी पर खर्च करते, लेकिन वे देख नहीं पाते। इसके चलते उसने पिता के कहने पर उनकी तेरहवीं जीते जी कर इच्छा का सम्मान किया है। चंद्रप्रकाश की मां का कई वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है।