बुलंदशहर। नौकरी दिलाने के नाम पर एक बार फिर बेरोजगारों के साथ छल किया गया। इस बार जालसाजों ने रेलवे में नौकरी दिलाने की आड़ में तीन बेराजेगार युवकों से 11.50 लाख रुपये ठग लिए। हैरत की बात यह है कि एक किसान ने जमीन गिरवी रखकर अपने बच्चों की नौकरी के लिए रकम का इंतजाम किया था।
बीबीनगर के गांव खरकाली विजेंद्र सिंह ने पुत्र मुकेश, धर्मवीर सिंह और भतीजे सरताज की नौकरी के लिए तीन वर्ष पूर्व गांव के एक शख्स के माध्यम से दो लोगों को 11.50 लाख रुपये दिए थे। उसने रेलवे में ऊंची पोस्ट पर नौकरी लगवाने का भरोसा दिया था। विजेंद्र ने युवकों को पहली छह लाख रुपये की पहली किश्त का भुगतान किया। बाद में पीड़ित ने बाकी रकम भी युवकों को सौंप दी। पेमेंट होने के करीब 15 दिन बाद जब तीनों का रेलवे की वेबसाइट पर नाम नहीं मिला तो पीड़ित अपने पुत्र और भतीजे को लेकर गांव निवासी युवक के पास पहुंचा और जमीन सात लाख रुपये में गिरवी रखकर को भुगतान करने की जानकारी दी। आरोपियों ने उसे तीन लाख रुपये वापस लौटा दिए हैं। बाकी रकम को लौटाने के लिए अभी समय मांगा है। पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की है।
बुलंदशहर। नौकरी दिलाने के नाम पर एक बार फिर बेरोजगारों के साथ छल किया गया। इस बार जालसाजों ने रेलवे में नौकरी दिलाने की आड़ में तीन बेराजेगार युवकों से 11.50 लाख रुपये ठग लिए। हैरत की बात यह है कि एक किसान ने जमीन गिरवी रखकर अपने बच्चों की नौकरी के लिए रकम का इंतजाम किया था।
बीबीनगर के गांव खरकाली विजेंद्र सिंह ने पुत्र मुकेश, धर्मवीर सिंह और भतीजे सरताज की नौकरी के लिए तीन वर्ष पूर्व गांव के एक शख्स के माध्यम से दो लोगों को 11.50 लाख रुपये दिए थे। उसने रेलवे में ऊंची पोस्ट पर नौकरी लगवाने का भरोसा दिया था। विजेंद्र ने युवकों को पहली छह लाख रुपये की पहली किश्त का भुगतान किया। बाद में पीड़ित ने बाकी रकम भी युवकों को सौंप दी। पेमेंट होने के करीब 15 दिन बाद जब तीनों का रेलवे की वेबसाइट पर नाम नहीं मिला तो पीड़ित अपने पुत्र और भतीजे को लेकर गांव निवासी युवक के पास पहुंचा और जमीन सात लाख रुपये में गिरवी रखकर को भुगतान करने की जानकारी दी। आरोपियों ने उसे तीन लाख रुपये वापस लौटा दिए हैं। बाकी रकम को लौटाने के लिए अभी समय मांगा है। पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की है।