स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया के मरीजों को नकारा
बुलंदशहर। अभी तक संक्रामक और वायरल बुखार से परेशान स्वास्थ्य अफसरों और लोगों की नींद मलेरिया और टायफायड ने उड़ा दी है। निजी लैब तो मलेरिया की पुष्टि कर रहे है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग जिले में एक भी मलेरिया रोगी नहीं होने का दावा कर रहा है। वहीं, जिले के निजी अस्पतालों में मलेरिया के मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
जिले में बुखार के कहर ने लोगों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नींद भी उड़ा दी है। अब तक संक्रामक रोग और वायरल बुखार का कहर लोगों को डरा रहा था, लेकिन अब मलेरिया ने भी जिले में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। निजी अस्पताल मरीजों को मलेरिया के लक्षण बता भर्ती कर रहे है। निजी लैबों और निजी अस्पतालों में मलेरिया के मरीजों की भरमार है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी मलेरिया के पैर पसारने से इंकार कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग जिले में सामान्य बुखार होने की बात कह रहा है, जबकि वायरल बुखार और संक्रामक रोग 40 लोगों को मौत की नींद सुला चुके है।
अब गांव-गांव पहुंच रहे अफसर
बुखार से लगातार हो रही मौतों के बाद जागे अफसर अब गांव-गांव पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव में कैंप लगाने के लिए टीमों की संख्या 10 से बढ़ाकर 18 कर दी है। टीमों को एक दिन में कम से कम दो से तीन गांवों में कैम्प लगाकर मरीजों के उपचार करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी अस्पताल प्रभारियों को अलर्ट कर दिया गया है।
कोट
अभी जिले में किसी भी मरीज को मलेरिया होने की पुष्टि नहीं हुई है। जिले में सामान्य वायरल बुखार और संक्रामक रोग के मरीज ज्यादा है। मरीजों की संख्या को देख स्वास्थ्य टीमों की संख्या बढ़ा दी गई है। गांवों में कैंप लगाए जा रहे हैं। - डॉ. केएन तिवारी, सीएमओ