दातागंज (बदायूं)। उपकोषागार दातागंज में हुए पांच करोड़ 70 लाख के स्टांप घोटाले में पुलिस ने रोकड़िया समेत दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। अभी रोकड़िया का कुछ पता नहीं चला है। उसका सहायक भी भाग चुका है। पुलिस ने मामले की जांच करने के साथ उनकी तलाश शुरू कर दी है।
स्टांप घोटाला पिछले दिनों ही सामने आया था। तब डीएम कुमार प्रशांत ने चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे। सोमवार को जांच रिपोर्ट आई तो पता चला कि उपकोषागार में पांच करोड़ 70 लाख रुपये का घोटाला हुआ था। रोकड़िया हरीश और सहायक राजेश लगातार राजस्व विभाग को चूना लगा रहे थे। दोनों के पास से जो रजिस्टर मिला था, उस पर स्टांप लेनदेन का रिकॉर्ड पूरा था लेकिन स्टांप बिक्री के बाद पूरा पैसा बैंक में जमा नहीं किया जाता था। इससे दोनों की पोल खुल गई। फिर दोनों बगैर कोई रिकॉर्ड उपलब्ध कराए भाग गए। डीएम ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। मंगलवार को उनके आदेश पर तहसीलदार नितिन तनेजा की तहरीर पर पुलिस ने रोकड़िया हरीश और सहायक राजेश के खिलाफ धारा 420, 409, 477 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली। दोनों कार्यालय छोड़कर भाग चुके हैं। वे अपने घर पर भी नहीं मिले हैं। पुलिस उन्हें तलाश कर रही है।
दर्जनों लोगों से कर्ज ले चुका था रोकड़िया
-तहसील सूत्रों की माने तो रोकड़िया हरीश ऐशो आराम में रहने वाला व्यक्ति था। वह बदायूं से लग्जरी कार में सवार होकर आता था। उसने कई लोगों से और तहसील के कर्मचारियों से कर्ज लिया था। हर माह उनका ब्याज चुका रहा था। सूत्रों की माने तो हरीश ने कर्ज लेकर और घोटाला करके संपत्ति भी खरीदी है। दातागंज में ही प्लॉटिंग करने की तैयारी में था। अगर उपकोषागार बंद नहीं होता तो शायद वह इसी तरह राजस्व विभाग को चूना लगाता रहता।
प्रत्येक माह की रिपोर्ट से पकड़ा गया मामला
-जिला कोषागार से जो स्टांप आते थे, वो डबल लॉक में होते थे। उनकी एक चाबी तहसीलदार के पास होती थी। जबकि एक चाबी रोकड़िया के पास होती थी लेकिन उपकोषागार में स्टांप पहुंचते ही रोकड़िया के हाथ में आ जाते थे। रोकड़िया जो मासिक रिपोर्ट भेजता था, उसमें स्टांप बिक्री के हिसाब से एंट्री की जाती थी लेकिन रजिस्टर में स्टांप लेन-देन के हिसाब से एंट्री होती थी। इसी से मामला पकड़ गया।
दोनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। घोटाला पांच करोड़ से ऊपर का है। दोनों को तलाश किया जा रहा है। बाकी विभागीय जांच और पुलिस की जांच के आधार पर कार्रवाई होगी।
कुंवर बहादुर सिंह, एसडीएम दातागंज
दातागंज (बदायूं)। उपकोषागार दातागंज में हुए पांच करोड़ 70 लाख के स्टांप घोटाले में पुलिस ने रोकड़िया समेत दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। अभी रोकड़िया का कुछ पता नहीं चला है। उसका सहायक भी भाग चुका है। पुलिस ने मामले की जांच करने के साथ उनकी तलाश शुरू कर दी है।
स्टांप घोटाला पिछले दिनों ही सामने आया था। तब डीएम कुमार प्रशांत ने चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे। सोमवार को जांच रिपोर्ट आई तो पता चला कि उपकोषागार में पांच करोड़ 70 लाख रुपये का घोटाला हुआ था। रोकड़िया हरीश और सहायक राजेश लगातार राजस्व विभाग को चूना लगा रहे थे। दोनों के पास से जो रजिस्टर मिला था, उस पर स्टांप लेनदेन का रिकॉर्ड पूरा था लेकिन स्टांप बिक्री के बाद पूरा पैसा बैंक में जमा नहीं किया जाता था। इससे दोनों की पोल खुल गई। फिर दोनों बगैर कोई रिकॉर्ड उपलब्ध कराए भाग गए। डीएम ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। मंगलवार को उनके आदेश पर तहसीलदार नितिन तनेजा की तहरीर पर पुलिस ने रोकड़िया हरीश और सहायक राजेश के खिलाफ धारा 420, 409, 477 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली। दोनों कार्यालय छोड़कर भाग चुके हैं। वे अपने घर पर भी नहीं मिले हैं। पुलिस उन्हें तलाश कर रही है।
दर्जनों लोगों से कर्ज ले चुका था रोकड़िया
-तहसील सूत्रों की माने तो रोकड़िया हरीश ऐशो आराम में रहने वाला व्यक्ति था। वह बदायूं से लग्जरी कार में सवार होकर आता था। उसने कई लोगों से और तहसील के कर्मचारियों से कर्ज लिया था। हर माह उनका ब्याज चुका रहा था। सूत्रों की माने तो हरीश ने कर्ज लेकर और घोटाला करके संपत्ति भी खरीदी है। दातागंज में ही प्लॉटिंग करने की तैयारी में था। अगर उपकोषागार बंद नहीं होता तो शायद वह इसी तरह राजस्व विभाग को चूना लगाता रहता।
प्रत्येक माह की रिपोर्ट से पकड़ा गया मामला
-जिला कोषागार से जो स्टांप आते थे, वो डबल लॉक में होते थे। उनकी एक चाबी तहसीलदार के पास होती थी। जबकि एक चाबी रोकड़िया के पास होती थी लेकिन उपकोषागार में स्टांप पहुंचते ही रोकड़िया के हाथ में आ जाते थे। रोकड़िया जो मासिक रिपोर्ट भेजता था, उसमें स्टांप बिक्री के हिसाब से एंट्री की जाती थी लेकिन रजिस्टर में स्टांप लेन-देन के हिसाब से एंट्री होती थी। इसी से मामला पकड़ गया।
दोनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। घोटाला पांच करोड़ से ऊपर का है। दोनों को तलाश किया जा रहा है। बाकी विभागीय जांच और पुलिस की जांच के आधार पर कार्रवाई होगी।
कुंवर बहादुर सिंह, एसडीएम दातागंज