- जनवरी में चार एंटीबायोटिक नकली और दो अधोमानक मिलीं
- दवाओं कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी
- अकेली डॉक्टर जी फार्मा कंपनी की तीन एंटीबायोटिक नकली
फोटो समाचार
संवाद न्यूज एजेंसी
बिजनौर। ज्यों ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता गया, किसी शायर की ये लाइनें उन मरीजों पर सटीक बैठती हैं, जिन्होंने दवाइयों का सेवन तो किया, लेकिन मर्ज ठीक नहीं हुआ। दरअसल, तमाम मरीज दवाइयों के नाम पर खड़िया पाउडर से बनी गोलियां का सेवन कर रहे थे। जनवरी के महीने में चार एंटीबायोटिक दवाइयों की जांच हुई तो पूरी तरह से नकली मिली। इनमें एंटोबायोटिक तत्व की जगह खड़िया के पाउडर का मिश्रण मिला। दो अन्य दवाइयां भी मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इन नकली दवाओं का रिजल्ट शून्य है।
जिले में नकली दवाओं की बिक्री का सिलसिला जोरों से चल रहा है। मेडिकल स्टोर मुनाफे के चक्कर में ऐसी दवाओं की खरीदारी कर बेच रहे हैं। उन्हें भी नहीं पता कि एंटीबायोटिक दवाएं मरीज का मर्ज कम करने बजाय उसे बढ़ा रही हैं। दवा खाने के बाद भी मरीज को आराम नहीं मिल रहा है। इसका मुख्य कारण एंटीबायोटिक दवा का बेअसर होना है। बिजनौर में औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने अक्तूबर और नवंबर में निरीक्षण के दौरान दवाओं के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे थे। जिनकी रिपोर्ट जनवरी में आई है।
जनवरी माह में आई रिपोर्ट में चार एंटीबायोटिक दवा नकली और दो अधोमानक पाई गई हैं। इनमें से नकली पाई गई तीन दवा डॉक्टर जी फार्मा प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार की हैं। जबकि एक दवा यूनिशॉर्प ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड आलमगीर की नकली पाई गई है।
ये दवाएं जांच में मिली नकली
औषद्यि प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 11 अक्तूबर 2022 को अहमद मेडिकोज भागूवाला से एमोक्सीसिलिन का नमूना लिया था। एमोक्सीसिलिन का यह नमूना डॉक्टर जी प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार कंपनी का है। जिसकी रिपोर्ट नकली आई है। 22 अक्तूबर को गंगोड़ा जट से एक अप्रशिक्षित चिकित्सक के यहां से मोडेक्स-200 का नमूना लिया था। यह भी डॉक्टर जी प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार कंपनी में ही बना था। इसके अलावा मोक्सिम-एजेड का नमूना जीवन हॉस्पिटल से 22 अक्तूबर को लिया गया था। यह दवा भी डॉक्टर जी प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार कंपनी की ही बनी हुई है। साथ ही क्वालिटी मेडिकोज मंडावर से 26 नवंबर को एमोक्सीसिलिन का नमूना लिया था। जो यूनिशॉर्प ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड आलमगीर कंपनी का है।
इन दवाओं के नमूने जांच में आए अधोमानक
रितिका मेडिकल स्टोर, एमएस नर्सिंग होम गीता नगरी बिजनौर से 19 अक्तूबर को लैक्सिमो टैबलेट का नमूना लिया था, जो अधोमानक पाया गया है। यह दवा बजाज फॉर्मूलेशन रूड़की, हरिद्वार की है। 17 सितंबर को पूजा मेडिकल हॉल, पूजा हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर नजीबाबाद से रबी डीएसआर का नमूना लिया था, जो जांच में अधोमानक मिला। यह दवा अल्ट्रा ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड सोलन कंपनी की बनी है।
मई 2022 में भी एमोक्सीसिलिन का नमूना निकला था नकली
औषधि विभाग की टीम ने छह जनवरी 2022 को नजीबाबाद के मोहल्ला जाब्तागंज में आलम मेडिसन स्टोर से दवाइयों का नमूने लिए थे। जिसकी रिपोर्ट मई में आई। जांच में मिला कि एमोक्सीसिलिन कैप्सूल में साल्ट ही नहीं था। जिसके चलते जांच में नमूने नकली पाया गया था।
जनवरी में निरीक्षण में पांच लाइसेंस किए निलंबित
खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने जनवरी माह में 15 निरीक्षण किए। इस दौरान 16 दवाओं के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे। निरीक्षण के दौरान पांच मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस भी निलंबित किए गए हैं। जैसे ही रिपोर्ट आती है, कमी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
सही दवाई नहीं मिलने पर बढ़ेगी बीमारी : डॉ. पंकज त्यागी
डॉ. पंकज त्यागी का कहना है कि अगर एंटीबायोटिक मानकों पर खरी नहीं उतरती है तो इससे मरीज को नुकसान होगा। क्योंकि मरीज को संक्रमण से राहत दिलाने के लिए चिकित्सक एंटीबायोटिक लिखते हैं। अगर दवाई में सही साल्ट नहीं है तो इससे मरीज में तबीयत सुधरने के बजाय बिगड़ जाएगी।
सुधरने की जगह बिगड़ जाएगी मरीज की तीबयत : डॉ. आरएस वर्मा
डॉ. आरएस वर्मा ने बताया कि एंटीबायोटिक का प्रयोग मरीज को बीमारी से राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है। जब दवा में साल्ट ही नहीं होगा तो मरीजों फायदा नहीं मिलेगा। जिससे मरीज की स्थिति बिगड़ेगी। सही समय पर सही दवा नहीं मिलने से बीमारी अधिक फैल सकती है।
नकली दवा मिलने पर हो सकता है आजीवन कारावास : उमेश भारती
औषधि निरीक्षक उमेश भारती ने बताया कि दवा नकली पाए जाने पर आजीवन कारावास तक की सजा है। जिले में जनवरी माह में चार एंटीबायोटिक दवा नकली पाई गई हैं। इन दवा कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। नकली दवाओं का मिलने का मतलब है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।