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There have been many cases of honeytrap in Bijnor and girls are framing youths through Facebook and Whatsapp
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हनीट्रैप: फेसबुक-व्हाट्सएप के जरिये जाल में फंसा रहीं हसीनाएं, वीडियो कॉलिंग कर बनाई जा रहीं अश्लील वीडियो
अमर उजाला ब्यूरो, बिजनौर
Published by: कपिल kapil
Updated Sun, 14 Nov 2021 01:53 AM IST
सार
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बिजनौर जिले में हनीट्रैप के कई मामले सामने आया हैं। यहां फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये हसीनाएं शिकार फंसा रही हैं। वहीं पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी।
बिजनौर में हनीट्रैप के कई मामले सामने आए हैं।
- फोटो : amar ujala
साइबर अपराध को लेकर लोग सजग होने लगे तो अब हनीट्रैप का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये हसीनाएं शिकार फंसा रही हैं प्रत्यक्ष रूप से भी नजदीकियां बढ़ाकर ब्लैकमेल किया जा रहा है। मधुर बातों में फंसाकर कथित हसीनाएं खूब ठगने का काम कर रही है। जिले में कई मामले ऐसे आ चुके हैं, जिनमें लोग पुलिस से भी शिकायत करने नहीं पहुंचते। ब्लैकमेलिंग के धंधे में जुड़ी युवतियां लोगों को दूसरे तरीके से भी फंसा रही हैं। नजदीकियां बढ़ाकर दोस्ती की जाती है और फिर वीडियो बना ली जाती है। वायरल करने या दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देकर रुपये ऐंठ लिया जाता है।
केस नंबर - एक
जिले के एक नामी खिलाड़ी को एक युवती से दोस्ती करना महंगा पड़ा। कुछ दिनों दोस्ती के बाद युवती ने हंगामा खड़ा कर दिया। सूत्रों की मानें तो खिलाड़ी को फजीहत से बचने की एवज में 20 लाख रुपये से ज्यादा देने पड़े थे। उक्त युवती ने रकम लेने के बाद समझौता किया।
केस नंबर - दो
नूरपुर रोड पर एक रेस्टोरेंट-होटल मालिक की एक युवती ने अपने साथ अश्लील वीडियो बना ली थी। जिसे वायरल करने और मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी गई। बाद में उस व्यक्ति को औने पौने दाम में अपना होटल बेचकर यहां से भागना पड़ा। तब कहीं जाकर उसका पीछा छूटा।
केस नंबर - तीन
चांदपुर चुंगी के पास भी एक दुकानदार से एक युवती ने नजदीकियां बढ़ाकर वीडियो बना ली थी। बाद में युवती ने दस लाख रुपये उक्त दुकानदार से वसूले थे। उक्त युवती एक गिरोह से जुड़ी हुई थी। जोकि लोगों को लड़कियों के माध्यम से फंसाकर समझौता कराने और रुपये ऐंठने का काम करता है।
केस नंबर - चार
जिले के एक थाने में तैनात रहे दरोगा को भी आशिक मिजाजी भारी पड़ी थी। हाईवे की एक चौकी पर तैनाती के दौरान एक युवती ने उनसे नजदीकियां बढ़ा ली थीं। बाद में युवती ने मामला खोल दिया। काफी जद्दोजहद के बाद उक्त दरोगा ने बिना किसी को बताए साढ़े तीन लाख रुपये देकर पीछा छूूटाया था।
वीडियो कॉलिंग से भी किया जा रहा ब्लैकमेल
सिर्फ प्रत्यक्ष रूप से ही नजदीकी बढ़ाकर ठगी नहीं की जा रही है, बल्कि वीडियो कॉलिंग से भी ब्लैकमेल किया जा रहा है। साइबर ठगों ने भी अपना तौर तरीका बदला है। फेसबुक मैसेंजर पर वीडियो कॉलिंग कर अश्लील क्लिप बना ली जाती है, जिसे वायरल करने की धमकी देकर खाते में पैसा जमा कराया जाता है। यह गिरोह राजस्थान के जयपुर से पूरे देश में ठगी करने काम करता है, जिसमें लड़कियां जुड़ी हुई हैं।
नहीं टूटे तो दर्ज करा दिया जाता है केस
प्रत्यक्ष तौर पर दोस्ती करने और वीडियो बनने के बाद भी अगर पीड़ित टूटता नहीं है तो फिर शादी का झांसा या नौकरी का झांसा देकर दुष्कर्म के आरोप में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी जाती है। युवती की शिकायत पर पुलिस को भी मजबूरन रिपोर्ट दर्ज करनी ही पड़ती है।
मान सम्मान की खातिर शिकायत भी नहीं करते लोग
हनीट्रैप का शिकार होने पर लोग मान सम्मान की खातिर पुलिस के पास भी नहीं जाते हैं। चुपचाप पैसा दे देते हैं या किसी भी तरीके से खुद को बचाने का प्रयास करते हैं।
वीडियो कॉलिंग कर ब्लैकमेल करने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। साइबर सेल इसमें कार्रवाई करती है। हालांकि ऐसी दिक्कतों से बचने के लिए लोगों को भी अनावश्यक और मधुर बातों में फंसना नहीं चाहिए। खुद पर नियंत्रण रखें। - डॉ. धर्मवीर सिंह, एसपी
सबसे पहले मेरी सलाह यह है कि लोगों को ऐसे किसी लालच में आकर अपने आप को मुसीबत में नहीं डालना चाहिए। ऐसे मामले बहुत संवेदनशील होते हैं। यदि कोई ब्लैकमेल करें तो पुलिस से शिकायत कर कानूनी मदद लेनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर हनीट्रैप के मामलों में दर्ज केसों में पुलिस यदि ईमानदारी से तफ्तीश करे तो पीड़ित को मदद मिल सकती है। - अनिल चौधरी, वरिष्ठ क्रिमिनल अधिवक्ता
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साइबर अपराध को लेकर लोग सजग होने लगे तो अब हनीट्रैप का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये हसीनाएं शिकार फंसा रही हैं प्रत्यक्ष रूप से भी नजदीकियां बढ़ाकर ब्लैकमेल किया जा रहा है।
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