पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
नगीना/ बिजनौर। नगीना मुंसिफी में एडीजे कोर्ट की स्थापना की मांग को प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया है। मुंसिफी में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अस्थाई न्यायालय की स्थापना के आदेश प्रमुख सचिव ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजे हैं। एडीजे कोर्ट की स्थापना के आदेश का पता चलते ही नगीना के अधिवक्ताओं ने मिठाई बांटकर हर्ष जताया।
प्रमुख सचिव एसके पांडे द्वारा हाईकोर्ट इलाहाबाद के महानिबंधक को भेजे गए पत्र में नगीना की मुंसिफी में एडीजे के अस्थाई न्यायालय की स्थापना की स्वीकृति व पीठासीन अधिकारी व अन्य पदों के सृजन के लिए राज्यपाल की स्वीकृति की सूचना दी गई है। नगीना मुंसिफी में पहले से ही एसीजेएम व तीन सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय कार्य कर रहे हैं। नगीना के अधिवक्ता पिछले एक दशक से नगीना मुंसिफी में एडीजे कोर्ट की स्थापना की मांग कर रहे थे। राज्यमंत्री बनने के बाद मनोज पारस ने नगीना के अधिवक्ताओं को नगीना में एडीजे कोर्ट की स्थापना की मांग पूरी कराने का भरोसा दिलाया था। नगीना बार के पूर्व अध्यक्ष टीकम सिंह, रवींद्र शर्मा, नरेंद्र चौहान, जमालुद्दीन हैदर, सुनील विशभनोई, नागेंद्र सिंह, दिनेश थापन, दीपक विशभनोई, सलीम अंसारी, जयकिशन शर्मा, राकेश मिश्रा, बार अध्यक्ष शाकिर, तूफैल अहमद, अजय शर्मा आदि ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई।
राज्यमंत्री को सम्मानित करेंगे वकील
नगीना मुंसिफी में एडीजे कोर्ट की स्थापना कराकर राज्य मंत्री मनोज पारस ने नगीना के लोगों को तोहफा दिया है। वकील राज्यमंत्री मनोज पारस को सम्मानित करेंगे। नगीना विधान सभा सीट से निर्वाचित सपा विधायक मनोज पारस ने राज्यमंत्री बनने के बाद नगीना मुंसिफी के बार भवन में 15 मार्च 2012 को आयोजित समारोह में भरोसा दिलाया था कि वे शीघ्र ही नगीना मुंसिफी में एडीजे कोर्ट की स्थापना करवाकर एक दशक से चली आ रही वकीलों की मांग को पूरा करेंगे। नगीना के अधिवक्ता उनके इस प्रयास से गदगद हैं तथा उन्होंने इसके लिए राज्यमंत्री को सम्मानित करने की बात कही है।
नगीना के वादकारियों को मिलेगी राहत
एडीजे कोर्ट की स्थापना होने के बाद नगीना के वादकारियों को बहुत राहत मिलेगी। अब तक दीवानी अपीलों व सत्र मामलों के निस्तारण के लिए नगीना मुंसिफी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्राधिकार के वादकारियों को बिजनौर जिला न्यायालय में जाना पड़ता था। एडीजे कोर्ट की स्थापना के बाद अब उनकी दीवानी अपीलोें व सत्र न्यायालय द्वारा परीक्षित फौजदारी वादों, रिवीजन आदि का निस्तारण एडीजे कोर्ट द्वारा हो सकेगा।
नगीना/ बिजनौर। नगीना मुंसिफी में एडीजे कोर्ट की स्थापना की मांग को प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया है। मुंसिफी में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अस्थाई न्यायालय की स्थापना के आदेश प्रमुख सचिव ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजे हैं। एडीजे कोर्ट की स्थापना के आदेश का पता चलते ही नगीना के अधिवक्ताओं ने मिठाई बांटकर हर्ष जताया।
प्रमुख सचिव एसके पांडे द्वारा हाईकोर्ट इलाहाबाद के महानिबंधक को भेजे गए पत्र में नगीना की मुंसिफी में एडीजे के अस्थाई न्यायालय की स्थापना की स्वीकृति व पीठासीन अधिकारी व अन्य पदों के सृजन के लिए राज्यपाल की स्वीकृति की सूचना दी गई है। नगीना मुंसिफी में पहले से ही एसीजेएम व तीन सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय कार्य कर रहे हैं। नगीना के अधिवक्ता पिछले एक दशक से नगीना मुंसिफी में एडीजे कोर्ट की स्थापना की मांग कर रहे थे। राज्यमंत्री बनने के बाद मनोज पारस ने नगीना के अधिवक्ताओं को नगीना में एडीजे कोर्ट की स्थापना की मांग पूरी कराने का भरोसा दिलाया था। नगीना बार के पूर्व अध्यक्ष टीकम सिंह, रवींद्र शर्मा, नरेंद्र चौहान, जमालुद्दीन हैदर, सुनील विशभनोई, नागेंद्र सिंह, दिनेश थापन, दीपक विशभनोई, सलीम अंसारी, जयकिशन शर्मा, राकेश मिश्रा, बार अध्यक्ष शाकिर, तूफैल अहमद, अजय शर्मा आदि ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई।
राज्यमंत्री को सम्मानित करेंगे वकील
नगीना मुंसिफी में एडीजे कोर्ट की स्थापना कराकर राज्य मंत्री मनोज पारस ने नगीना के लोगों को तोहफा दिया है। वकील राज्यमंत्री मनोज पारस को सम्मानित करेंगे। नगीना विधान सभा सीट से निर्वाचित सपा विधायक मनोज पारस ने राज्यमंत्री बनने के बाद नगीना मुंसिफी के बार भवन में 15 मार्च 2012 को आयोजित समारोह में भरोसा दिलाया था कि वे शीघ्र ही नगीना मुंसिफी में एडीजे कोर्ट की स्थापना करवाकर एक दशक से चली आ रही वकीलों की मांग को पूरा करेंगे। नगीना के अधिवक्ता उनके इस प्रयास से गदगद हैं तथा उन्होंने इसके लिए राज्यमंत्री को सम्मानित करने की बात कही है।
नगीना के वादकारियों को मिलेगी राहत
एडीजे कोर्ट की स्थापना होने के बाद नगीना के वादकारियों को बहुत राहत मिलेगी। अब तक दीवानी अपीलों व सत्र मामलों के निस्तारण के लिए नगीना मुंसिफी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्राधिकार के वादकारियों को बिजनौर जिला न्यायालय में जाना पड़ता था। एडीजे कोर्ट की स्थापना के बाद अब उनकी दीवानी अपीलोें व सत्र न्यायालय द्वारा परीक्षित फौजदारी वादों, रिवीजन आदि का निस्तारण एडीजे कोर्ट द्वारा हो सकेगा।