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नजीबाबाद। तहसील क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भरैकी में तैनात रहे मुख्य अध्यापक को बगैर जांच किए ही निलंबित कर दिया गया। शिक्षक ने यह आरोप लगाते हुए पूरे मामले से जिलाधिकारी को अवगत कराया है। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच सीडीओ को सौंप दी है।
विकास खंड किरतपुर के तहत आने वाले इस विद्यालय में तैनात रहे मुख्य अध्यापक नरेंद्र कुमार ने डीएम सारिका मोहन को प्रार्थना पत्र दिया है। बताया कि ग्राम पंचायत नेकपुर के ग्राम नांदकार में प्राथमिक विद्यालय के भवन के निर्माण के लिए ग्राम प्रधान मनोज और प्राइमरी स्कूल नेकपुर के इंचार्ज अध्यापक मो. इमरान के संयुक्त खाते में सर्व यूपी ग्रामीण बैंक गुनियापुर शाखा में हस्तांतरित की गई थी। लेकिन, इंचार्ज अध्यापक के इनकार करने पर तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी सकुंज बाला अग्रवाल ने मई 2012 में नरेंद्र कुमार को निर्माण प्रभारी नियुक्त कर दिया। आरोप है कि निर्माण शुरू होते ही ग्राम प्रधान भवन में घटिया निर्माण सामग्री लगाने का दबाव बनाने लगे। काफी निर्माण सामग्री भी अपने निजी कार्य में लगा ली। शिक्षक का आरोप है कि प्रधान ने निर्माण सामग्री खरीदने की बात कहकर विभिन्न तिथियों में 33 हजार रुपये लेने के बावजूद जब सामग्री नहीं खरीदकर दी तो शिक्षक ने खाते में बची समस्त धनराशि निर्माण कार्य में लगा दी। कुछ शेष निर्माण पूरा कराने के लिए शिक्षक ने प्रधान से ली गई रकम वापस मांगी तो प्रधान ने धनराशि के दुरुपयोग की शिकायत विभागीय अधिकारियों से कर दी।
आरोप है कि आरोपों की जांच बगैर ही उन्हें निलंबित किया गया है। इस बारे में बीएसए राकेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि निलंबन आदेश खंड शिक्षा अधिकारी किरतपुर नरेंद्र कुमार की संस्तुति पर जारी हुआ है। यदि कुछ गलत हुआ तो मामले की जांच कराई जाएगी।
नजीबाबाद। तहसील क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भरैकी में तैनात रहे मुख्य अध्यापक को बगैर जांच किए ही निलंबित कर दिया गया। शिक्षक ने यह आरोप लगाते हुए पूरे मामले से जिलाधिकारी को अवगत कराया है। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच सीडीओ को सौंप दी है।
विकास खंड किरतपुर के तहत आने वाले इस विद्यालय में तैनात रहे मुख्य अध्यापक नरेंद्र कुमार ने डीएम सारिका मोहन को प्रार्थना पत्र दिया है। बताया कि ग्राम पंचायत नेकपुर के ग्राम नांदकार में प्राथमिक विद्यालय के भवन के निर्माण के लिए ग्राम प्रधान मनोज और प्राइमरी स्कूल नेकपुर के इंचार्ज अध्यापक मो. इमरान के संयुक्त खाते में सर्व यूपी ग्रामीण बैंक गुनियापुर शाखा में हस्तांतरित की गई थी। लेकिन, इंचार्ज अध्यापक के इनकार करने पर तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी सकुंज बाला अग्रवाल ने मई 2012 में नरेंद्र कुमार को निर्माण प्रभारी नियुक्त कर दिया। आरोप है कि निर्माण शुरू होते ही ग्राम प्रधान भवन में घटिया निर्माण सामग्री लगाने का दबाव बनाने लगे। काफी निर्माण सामग्री भी अपने निजी कार्य में लगा ली। शिक्षक का आरोप है कि प्रधान ने निर्माण सामग्री खरीदने की बात कहकर विभिन्न तिथियों में 33 हजार रुपये लेने के बावजूद जब सामग्री नहीं खरीदकर दी तो शिक्षक ने खाते में बची समस्त धनराशि निर्माण कार्य में लगा दी। कुछ शेष निर्माण पूरा कराने के लिए शिक्षक ने प्रधान से ली गई रकम वापस मांगी तो प्रधान ने धनराशि के दुरुपयोग की शिकायत विभागीय अधिकारियों से कर दी।
आरोप है कि आरोपों की जांच बगैर ही उन्हें निलंबित किया गया है। इस बारे में बीएसए राकेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि निलंबन आदेश खंड शिक्षा अधिकारी किरतपुर नरेंद्र कुमार की संस्तुति पर जारी हुआ है। यदि कुछ गलत हुआ तो मामले की जांच कराई जाएगी।