नजीबाबाद। राजकीय इंटर कॉलेज पूर्वी प्रखंड में खेल का मैदान जंगल में तब्दील हो गया है। कॉलेज की खेलकूद प्रतिस्पर्धाएं पश्चिमी प्रखंड के सीमित मैदान पर ही निर्भर हैं। जिससे कॉलेज की खेल प्रतिभाएं पिछड़ रही हैं।
नजीबाबाद में राजकीय इंटर कॉलेज के पूर्वी प्रखंड का दशकों पुराना भवन जर्जर हालत में होने पर पश्चिमी प्रखंड में नए कॉलेज भवन का निर्माण किया गया। कुछ समय बाद इस भवन की अनदेखी शुरू हो गई। न केवल कॉलेज भवन बल्कि इसके काफी मैदान की भी अनदेखी की गई। गत काफी समय से मैदान की सफाई न होने से यह जंगल में तब्दील हो गया है। तीन ओर आबादी क्षेत्र तथा एक ओर पूर्वी प्रखंड भवन के बीच स्थित खेल के मैदान पर जिलास्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित होती रही हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र की खेल प्रतिभाएं इस मैदान पर नियमित अभ्यास के लिए आती रही हैं।
पूर्वी प्रखंड में स्थित भवन में अब भी कक्षा 6, 7 व 8 संचालित की जाती हैं। कमरों की मैदान की ओर खुलने वाली कई खिड़कियां टूटी-फूटी पड़ी हैं। अभिभावकों रंजीत सिंह, प्रमोद कुमार, नेतराम आदि ने कक्षाओं में बैठकर पढ़ने वाले बच्चों के साथ अनहोनी की आशंका व्यक्त करते हुए मैदान की सफाई कराने तथा उसे खेलने योग्य बनाने की मांग की है। उधर, प्रधानाचार्य फतेहचंद ने बताया कि करीब छह माह पूर्व मैदान की सफाई के लिए वन विभाग को मूल्यांकन प्रस्ताव भेजा गया था। वन विभाग की ओर से प्रस्ताव पर कोई सार्थक शुरूआत कर सफाई का काम शुरू नहीं कराया गया है। प्रधानाचार्य ने जल्द स्थिति में सुधार का आश्वासन दिया।
नजीबाबाद। राजकीय इंटर कॉलेज पूर्वी प्रखंड में खेल का मैदान जंगल में तब्दील हो गया है। कॉलेज की खेलकूद प्रतिस्पर्धाएं पश्चिमी प्रखंड के सीमित मैदान पर ही निर्भर हैं। जिससे कॉलेज की खेल प्रतिभाएं पिछड़ रही हैं।
नजीबाबाद में राजकीय इंटर कॉलेज के पूर्वी प्रखंड का दशकों पुराना भवन जर्जर हालत में होने पर पश्चिमी प्रखंड में नए कॉलेज भवन का निर्माण किया गया। कुछ समय बाद इस भवन की अनदेखी शुरू हो गई। न केवल कॉलेज भवन बल्कि इसके काफी मैदान की भी अनदेखी की गई। गत काफी समय से मैदान की सफाई न होने से यह जंगल में तब्दील हो गया है। तीन ओर आबादी क्षेत्र तथा एक ओर पूर्वी प्रखंड भवन के बीच स्थित खेल के मैदान पर जिलास्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित होती रही हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र की खेल प्रतिभाएं इस मैदान पर नियमित अभ्यास के लिए आती रही हैं।
पूर्वी प्रखंड में स्थित भवन में अब भी कक्षा 6, 7 व 8 संचालित की जाती हैं। कमरों की मैदान की ओर खुलने वाली कई खिड़कियां टूटी-फूटी पड़ी हैं। अभिभावकों रंजीत सिंह, प्रमोद कुमार, नेतराम आदि ने कक्षाओं में बैठकर पढ़ने वाले बच्चों के साथ अनहोनी की आशंका व्यक्त करते हुए मैदान की सफाई कराने तथा उसे खेलने योग्य बनाने की मांग की है। उधर, प्रधानाचार्य फतेहचंद ने बताया कि करीब छह माह पूर्व मैदान की सफाई के लिए वन विभाग को मूल्यांकन प्रस्ताव भेजा गया था। वन विभाग की ओर से प्रस्ताव पर कोई सार्थक शुरूआत कर सफाई का काम शुरू नहीं कराया गया है। प्रधानाचार्य ने जल्द स्थिति में सुधार का आश्वासन दिया।