एक साल में होती थी फैक्ट्री की जांच
बिजनौर। मोहित पेट्रो केमिकल फैक्ट्री सभी नियमों को ताक पर रखकर चल रही थी। नियमानुसार एक माह में फैक्ट्री की जांच होनी चाहिए। पर एक साल के अंदर कानपुर से बॉयलर जांच करने आता था। किसी को कोई लेना देना नहीं था कि फैक्ट्री में क्या हो रहा है।
जिले में मोहित पेट्रो केमिकल समेत एल्कोहल बनाने वाली सात फैक्ट्री हैं। डीएम अटल कुमार राय के मुताबिक एक माह के भीतर फैक्ट्री की जांच होने का नियम है। देखा जाना चाहिए कि फैक्ट्री की सारी मशीन व टैंक वगैरह सब सही है या नहीं। डीएम को फैक्ट्री से जुड़े अफसरों ने बताया कि फैक्ट्री की जांच एक माह में नहीं बल्कि एक साल में एक बार होती थी। कारखाना विभाग से जुड़ा बॉयलर इंस्पेक्टर कानपुर से जांच करने के लिए आता था। इसके अलावा कोई और जांच नहीं होती थी। इस बात पर डीएम ने नाराजगी जताई और कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
दिन भर होता रहा हंगामा
फैक्ट्री में हादसे के बाद दिन भर आसपास के गांवों के लोग हंगामा करते रहे। फैक्ट्री स्वामी व अधिकारियों को कोसते रहे। पुलिस अफसर उन्हें समझाने में लगे रहे। गांव वालों का कहना था कि जिन बेचारों की जान गई है उन्हें क्या मिल रहा है। फैक्ट्री स्वामी फरार हो गया है। गांव वालों ने कई बार हंगामा किया। अफसरों को भी खरी खोटी सुनाई। अफसर उन्हें शांत करने में जुटे रहे। गांव वालों के मुताबिक फैक्ट्री स्वामी की जिले के अफसरों के साथ उठ बैठ है। उनके साथ ही वह खाते, पीते व खेलते हैं। इसलिए ही फैक्ट्री मालिक को किसी का कोई डर नहीं था। फैक्ट्री में जो मन में आता था वही करते थे। हादसे के बाद भी फैक्ट्री स्वामी को कोई डर नहीं है।