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सत्य के मार्ग पर चलने वाला ही सच्चा सत्संगी
Bhadohi
Updated Tue, 29 Jan 2013 05:30 AM IST
जंगीगंज। सेमराधनाथ धाम स्थित श्री कल्पवास मकर माघ मेला में बागपत स्थित ठेकवा बालाजी धाम के महामंडलेश्वर स्वामी भैयादास जी महाराज पहुंचे। उन्होंने गंगा में डुबकी लगाने के बाद प्रवचन किया। उनके साथ दिल्ली आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद जी महाराज के अलावा तमाम संत मौजूद रहे। गंगा स्नान के बाद संतों ने कहा कि यहां का गंगा जल तो प्रयाग से भी ज्यादा शुद्ध और निर्मल है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष से यदि मां गंगा और देवाधिदेव की कृपा रही तो वह यहीं पर कल्पवास करेंगे।
कल्पवासियों को प्रवचन करते हुए स्वामी भैयादास जी महाराज ने सर्व प्रथम मेला संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी रामशंकर दास जी महाराज को प्रणाम किया और कहा कि स्वामी रामशंकर दास जी महाराज के यहां कल्पवास शुरू करने के पीछे यही मंशा रही होगी कि जो गरीब, असहाय और वृद्ध श्रद्धालु प्रयाग जाकर कल्पवास करने में सक्षम नहीं हैं, वह यहीं पर कल्पवास कर सकें। यदि इसी तरह श्रद्धालुओं की आस्था यहां रही तो यहां भी प्रयाग जैसा कल्पवास मेला लगेगा। यहां पर काशी, प्रयाग और विंध्यधाम ही नहीं कई तीर्थों का संगम है। स्वामी जी ने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि धर्म के मार्ग पर चलते हुए यहां कल्पवास कर रहे हैं। आज के संत की दृष्टि भगवान पर कम और चढ़ावे की थाली पर अधिक रहती है। जो खुद नहीं सुधर सका, वह दुनिया को क्या सुधारेगा। गुरु के बताए मार्ग पर जो चलता है वही सच्चा सत्संगी है। कहा कि यदि मां गंगा और बाबा भोलेनाथ की कृपा रही तो अगले माघ में डेरा यहीं गिरेगा। भगवान यदि किसी की गुलामी करता है तो वह भक्तों की गुलामी करता है। जहां अनवरत भजन, कीर्तन, सत्संग के अलावा संतों का चरण जहां पर पड़ जाए वहीं तीर्थ है। माता, पिता, गुरु और अतिथियों की सेवा से बढ़कर दूसरा कोई पुण्य और सत्कर्म नहीं है। दोपहर तीन बजे पहुंचे महामंडलेश्वर ने सेमराध में गंगा में डुबकी भी लगाई। इस मौके कल्पवृक्ष कुटी आश्रम के गुरुपद उत्तराधिकारी स्वामी करुणा शंकर दास, बालेश्वर प्रसाद अग्रवाल, महावीर यादव, राजेंद्र प्रसाद आदि ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया।
जंगीगंज। सेमराधनाथ धाम स्थित श्री कल्पवास मकर माघ मेला में बागपत स्थित ठेकवा बालाजी धाम के महामंडलेश्वर स्वामी भैयादास जी महाराज पहुंचे। उन्होंने गंगा में डुबकी लगाने के बाद प्रवचन किया। उनके साथ दिल्ली आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद जी महाराज के अलावा तमाम संत मौजूद रहे। गंगा स्नान के बाद संतों ने कहा कि यहां का गंगा जल तो प्रयाग से भी ज्यादा शुद्ध और निर्मल है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष से यदि मां गंगा और देवाधिदेव की कृपा रही तो वह यहीं पर कल्पवास करेंगे।
कल्पवासियों को प्रवचन करते हुए स्वामी भैयादास जी महाराज ने सर्व प्रथम मेला संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी रामशंकर दास जी महाराज को प्रणाम किया और कहा कि स्वामी रामशंकर दास जी महाराज के यहां कल्पवास शुरू करने के पीछे यही मंशा रही होगी कि जो गरीब, असहाय और वृद्ध श्रद्धालु प्रयाग जाकर कल्पवास करने में सक्षम नहीं हैं, वह यहीं पर कल्पवास कर सकें। यदि इसी तरह श्रद्धालुओं की आस्था यहां रही तो यहां भी प्रयाग जैसा कल्पवास मेला लगेगा। यहां पर काशी, प्रयाग और विंध्यधाम ही नहीं कई तीर्थों का संगम है। स्वामी जी ने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि धर्म के मार्ग पर चलते हुए यहां कल्पवास कर रहे हैं। आज के संत की दृष्टि भगवान पर कम और चढ़ावे की थाली पर अधिक रहती है। जो खुद नहीं सुधर सका, वह दुनिया को क्या सुधारेगा। गुरु के बताए मार्ग पर जो चलता है वही सच्चा सत्संगी है। कहा कि यदि मां गंगा और बाबा भोलेनाथ की कृपा रही तो अगले माघ में डेरा यहीं गिरेगा। भगवान यदि किसी की गुलामी करता है तो वह भक्तों की गुलामी करता है। जहां अनवरत भजन, कीर्तन, सत्संग के अलावा संतों का चरण जहां पर पड़ जाए वहीं तीर्थ है। माता, पिता, गुरु और अतिथियों की सेवा से बढ़कर दूसरा कोई पुण्य और सत्कर्म नहीं है। दोपहर तीन बजे पहुंचे महामंडलेश्वर ने सेमराध में गंगा में डुबकी भी लगाई। इस मौके कल्पवृक्ष कुटी आश्रम के गुरुपद उत्तराधिकारी स्वामी करुणा शंकर दास, बालेश्वर प्रसाद अग्रवाल, महावीर यादव, राजेंद्र प्रसाद आदि ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया।