पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ज्ञानपुर। उप संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में बीते दिनों लगी भीषण आग के मामले में कार्यालय के पांच कर्मचारियों पर गाज गिर गई है। संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) ने तीन लिपिक, एक अनुवादक और एक परिचारक/चौकीदार को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से एआरटीओ कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।
गत 14 जनवरी को एआरटीओ दफ्तर में अराजक तत्वों ने आग लगा दी थी। इससे वाहन रजिस्ट्रेशन, टैक्स, लाइसेंस और अन्य संभाग/प्रांत के दफ्तर जलकर खाक हो गए थे। आग की चपेट में आकर 1995 से लेकर अब तक के तमाम अहम दस्तावेज खाक हो गए थे। इस मामले में एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी ने अज्ञात लोगों के आग लगाने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। इस मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी मिर्जापुर एपी सिंह ने कनिष्ठ लिपिक रत्नाकर मिश्र, मुन्नू लाल, विनोद श्रीवास्तव के अलावा अन्य प्रांत अन्य संभाग दफ्तर का कामकाज देखने वाले उर्दू अनुवादक गुलाम रब्बानी और कार्यालय के परिचारक/चौकीदार किशन के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है। इस कार्रवाई से कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार को इनमें से कोई भी कर्मचारी कार्यालय में नहीं दिखा। अगलगी मामले में कुछ और लोगों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। माना जा रहा है कि अगलगी मामले की ढंग से जांच हुई तो कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
ज्ञानपुर। उप संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में बीते दिनों लगी भीषण आग के मामले में कार्यालय के पांच कर्मचारियों पर गाज गिर गई है। संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) ने तीन लिपिक, एक अनुवादक और एक परिचारक/चौकीदार को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से एआरटीओ कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।
गत 14 जनवरी को एआरटीओ दफ्तर में अराजक तत्वों ने आग लगा दी थी। इससे वाहन रजिस्ट्रेशन, टैक्स, लाइसेंस और अन्य संभाग/प्रांत के दफ्तर जलकर खाक हो गए थे। आग की चपेट में आकर 1995 से लेकर अब तक के तमाम अहम दस्तावेज खाक हो गए थे। इस मामले में एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी ने अज्ञात लोगों के आग लगाने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। इस मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी मिर्जापुर एपी सिंह ने कनिष्ठ लिपिक रत्नाकर मिश्र, मुन्नू लाल, विनोद श्रीवास्तव के अलावा अन्य प्रांत अन्य संभाग दफ्तर का कामकाज देखने वाले उर्दू अनुवादक गुलाम रब्बानी और कार्यालय के परिचारक/चौकीदार किशन के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है। इस कार्रवाई से कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार को इनमें से कोई भी कर्मचारी कार्यालय में नहीं दिखा। अगलगी मामले में कुछ और लोगों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। माना जा रहा है कि अगलगी मामले की ढंग से जांच हुई तो कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।