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बस्ती। एडीजे प्रथम रामप्रीत द्विवेदी ने बहला-फुसला कर किशोरी को भगाने और दुष्कर्म के आरोपी को सात साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 15,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
अभियोजन के अनुसार हर्रैया थाने के एक गांव की पीड़ित की मां ने न्यायालय के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके अनुसार तुर्कीपुर निवासी संतोष कुमार 13 जून 2008 को उसके नाना से कहकर नाबालिग लड़की को बुलाकर अपने घर ले गया। यहां संतोष की मामी राजकुमारी ने साजिश करके उसे तुर्कीपुर भगा दिया। संतोष के चाचा विश्वनाथ और रामनेवास पर सहयोग कर लड़की को उदयपुर राजस्थान भेजवाने का आरोप लगा। न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। घटना के एक माह बाद 22 जुलाई को लड़की को बरामद कर लिया गया। पीड़ित ने बताया कि अभियुक्त की मामी ने उसे लड्डू खिला दिया उसके बाद वह बेहोश हो गईं। बेहोशी की हालत में उसे ले गए। राजस्थान में उसकी इच्छा के विरुद्ध दुष्कर्म करता रहा। पांचों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ। इसके बाद आरोप निर्धारित किया गया। बचाव पक्ष ने आरोपों से इंकार किया। दौरान मुकदमा रामखेलावन की मृत्यु हो गई। राज्य की तरफ से पैरवी शासकीय अधिवक्ता जयसिंह और रामानुज भाष्कर ने की। गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर संतोष कुमार को अपहरण और दुष्कर्म के लिए सिद्धदोष पाते हुए सात साल के सश्रम कारावास और 15,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न अदा करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। अभियुक्त विश्वनाथ, रामनेवास, राजकुमारी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का आदेश दिया गया।
बस्ती। एडीजे प्रथम रामप्रीत द्विवेदी ने बहला-फुसला कर किशोरी को भगाने और दुष्कर्म के आरोपी को सात साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 15,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
अभियोजन के अनुसार हर्रैया थाने के एक गांव की पीड़ित की मां ने न्यायालय के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके अनुसार तुर्कीपुर निवासी संतोष कुमार 13 जून 2008 को उसके नाना से कहकर नाबालिग लड़की को बुलाकर अपने घर ले गया। यहां संतोष की मामी राजकुमारी ने साजिश करके उसे तुर्कीपुर भगा दिया। संतोष के चाचा विश्वनाथ और रामनेवास पर सहयोग कर लड़की को उदयपुर राजस्थान भेजवाने का आरोप लगा। न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। घटना के एक माह बाद 22 जुलाई को लड़की को बरामद कर लिया गया। पीड़ित ने बताया कि अभियुक्त की मामी ने उसे लड्डू खिला दिया उसके बाद वह बेहोश हो गईं। बेहोशी की हालत में उसे ले गए। राजस्थान में उसकी इच्छा के विरुद्ध दुष्कर्म करता रहा। पांचों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ। इसके बाद आरोप निर्धारित किया गया। बचाव पक्ष ने आरोपों से इंकार किया। दौरान मुकदमा रामखेलावन की मृत्यु हो गई। राज्य की तरफ से पैरवी शासकीय अधिवक्ता जयसिंह और रामानुज भाष्कर ने की। गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर संतोष कुमार को अपहरण और दुष्कर्म के लिए सिद्धदोष पाते हुए सात साल के सश्रम कारावास और 15,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न अदा करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। अभियुक्त विश्वनाथ, रामनेवास, राजकुमारी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का आदेश दिया गया।