बस्ती। एनआरएचएम की आशीर्वाद बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना के क्रियान्वयन में अब आयुष चिकित्सकों की जगह संविदा पर नियुक्त एमबीबीएस डॉक्टरों की मदद ली जाएगी। सरकार ने 14 नवंबर से लागू होने वाली इस योजना में कक्षा 1 से दसवीं तक के छात्रों के स्वास्थ्य परीक्षण कराना है। साथ ही उसके आगे भी उन्हें स्वस्थ रखने की योजना है। लेकिन इसके प्रमुख सूत्रधार संविदा पर नियुक्त होने वाले आयुष डॉक्टरों के चयन में घमासान के कारण प्रक्रिया अधर में लटक गई। अब सीएमओ ने स्थानीय स्तर पर एमबीबीएस डाक्टरों के माध्यम से योजना को अमल में लाने की तैयारी की है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक अमित कुमार घोष ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों व सीएमओ को पत्र भेजकर 14 नवंबर से आशीर्वाद बाल गारंटी योजना के तहत कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों का स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उन्हें स्वस्थ रखने के उपाय करने का निर्देश दिया था। इसके लिए हर ब्लाक पर आयुष चिकित्सकाें का संविदा पर चयन कर योजना को लागू कराना था। लेकिन गोंडा में चयन प्रक्रिया के दौरान ही हंगामा हो गया, जिससे संविदा चयन पर रोक लगा दी गई। इससे बस्ती सहित मंडल के अन्य जिलों में भी प्रक्रिया रुक गई।
ब्लाक स्तर पर तैनात होनी थीं दो मेडिकल टीमें
योजना के क्रियान्वयन के लिए संविदा पर दो मेडिकल टीमों की भर्ती कर तैनाती की जानी है। पहली टीम में एक एमबीबीएस या न उपलब्ध होने पर बीडीएस चिकित्सक की तैनाती की जा सकती है। जबकि द्वितीय टीम में परास्नातक डिग्रीधारी एक आयुष चिकित्सक, उनके न मिलने पर बीडीएस डॉक्टर को लिया जा सकता है। इसके अलावा प्रत्येक टीम में एक पैरामेडिकल स्टाफ जिसमें आप्टोमेट्रिस्ट/आप्थैल्मिक, असिस्टेंट/डेंटल हाइजीनिस्ट अथवा फिजियोथेरेपिस्ट में से कोई तथा अनिवार्य रूप से एक महिला नर्सिंग स्टाफ की तैनाती की जानी है।
संविदा स्टाफ को मिलेंगे मानदेय
एमबीबीएस चिकित्सक को 36 हजार प्रतिमाह, बीडीएस चिकित्सक को 35 हजार रुपये, आयुष को 24,000 रुपये, जीएनएम/स्टाफ नर्स को 15 हजार और एएनएम/एचवी को 10 हजार और पैरामेडिकल स्टाफ को 11880 रुपये प्रतिमाह का नियत मानदेय दिया जाएगा।
जनपद स्तर पर होगा प्रशिक्षण
जनपद स्तर पर प्रत्येक ब्लॉक से मेडिकल टीम के छह प्रतिभागियों को ट्रेनिंग दी जानी है। इसमें सीएमओ की ओर से निर्धारित किसी जनपदीय ट्रेनिंग सेंटर पर प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। एक बैच में 30-36 प्रतिभागी शामिल होंगे। एक जिले में न्यूनतम एक बैच तथा अधिकतम चार बैच आयोजित होंगे, जिनकी संख्या जनपद में ब्लाक एव नव नियुक्त संविदा कर्मियों की संख्या पर निर्भर करेगी।
शासन से गाइड लाइन का इंतजार : सीएमओ
सीएमओ डॉ. एसपी दोहरे का कहना है कि वैसे तो संविदा भर्ती की प्रक्रिया पर शासन की रोक के कारण प्रभावित हुई थी। शासन से गाइड लाइन मिलने का इंतजार किया जा रहा था। लेकिन विलंब को देखते हुए पीएचसी/ सीएचसी की नियमित टीम के अलावा संविदा पर नियोजित एमबीबीएस चिकित्सकों के माध्यम से इसे शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जो अंतिम चरण में है। 15 फरवरी से इसका क्रियान्वयन पूरे जिले में एक साथ प्रारंभ हो जाएगा।
बस्ती। एनआरएचएम की आशीर्वाद बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना के क्रियान्वयन में अब आयुष चिकित्सकों की जगह संविदा पर नियुक्त एमबीबीएस डॉक्टरों की मदद ली जाएगी। सरकार ने 14 नवंबर से लागू होने वाली इस योजना में कक्षा 1 से दसवीं तक के छात्रों के स्वास्थ्य परीक्षण कराना है। साथ ही उसके आगे भी उन्हें स्वस्थ रखने की योजना है। लेकिन इसके प्रमुख सूत्रधार संविदा पर नियुक्त होने वाले आयुष डॉक्टरों के चयन में घमासान के कारण प्रक्रिया अधर में लटक गई। अब सीएमओ ने स्थानीय स्तर पर एमबीबीएस डाक्टरों के माध्यम से योजना को अमल में लाने की तैयारी की है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक अमित कुमार घोष ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों व सीएमओ को पत्र भेजकर 14 नवंबर से आशीर्वाद बाल गारंटी योजना के तहत कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों का स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उन्हें स्वस्थ रखने के उपाय करने का निर्देश दिया था। इसके लिए हर ब्लाक पर आयुष चिकित्सकाें का संविदा पर चयन कर योजना को लागू कराना था। लेकिन गोंडा में चयन प्रक्रिया के दौरान ही हंगामा हो गया, जिससे संविदा चयन पर रोक लगा दी गई। इससे बस्ती सहित मंडल के अन्य जिलों में भी प्रक्रिया रुक गई।
ब्लाक स्तर पर तैनात होनी थीं दो मेडिकल टीमें
योजना के क्रियान्वयन के लिए संविदा पर दो मेडिकल टीमों की भर्ती कर तैनाती की जानी है। पहली टीम में एक एमबीबीएस या न उपलब्ध होने पर बीडीएस चिकित्सक की तैनाती की जा सकती है। जबकि द्वितीय टीम में परास्नातक डिग्रीधारी एक आयुष चिकित्सक, उनके न मिलने पर बीडीएस डॉक्टर को लिया जा सकता है। इसके अलावा प्रत्येक टीम में एक पैरामेडिकल स्टाफ जिसमें आप्टोमेट्रिस्ट/आप्थैल्मिक, असिस्टेंट/डेंटल हाइजीनिस्ट अथवा फिजियोथेरेपिस्ट में से कोई तथा अनिवार्य रूप से एक महिला नर्सिंग स्टाफ की तैनाती की जानी है।
संविदा स्टाफ को मिलेंगे मानदेय
एमबीबीएस चिकित्सक को 36 हजार प्रतिमाह, बीडीएस चिकित्सक को 35 हजार रुपये, आयुष को 24,000 रुपये, जीएनएम/स्टाफ नर्स को 15 हजार और एएनएम/एचवी को 10 हजार और पैरामेडिकल स्टाफ को 11880 रुपये प्रतिमाह का नियत मानदेय दिया जाएगा।
जनपद स्तर पर होगा प्रशिक्षण
जनपद स्तर पर प्रत्येक ब्लॉक से मेडिकल टीम के छह प्रतिभागियों को ट्रेनिंग दी जानी है। इसमें सीएमओ की ओर से निर्धारित किसी जनपदीय ट्रेनिंग सेंटर पर प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। एक बैच में 30-36 प्रतिभागी शामिल होंगे। एक जिले में न्यूनतम एक बैच तथा अधिकतम चार बैच आयोजित होंगे, जिनकी संख्या जनपद में ब्लाक एव नव नियुक्त संविदा कर्मियों की संख्या पर निर्भर करेगी।
शासन से गाइड लाइन का इंतजार : सीएमओ
सीएमओ डॉ. एसपी दोहरे का कहना है कि वैसे तो संविदा भर्ती की प्रक्रिया पर शासन की रोक के कारण प्रभावित हुई थी। शासन से गाइड लाइन मिलने का इंतजार किया जा रहा था। लेकिन विलंब को देखते हुए पीएचसी/ सीएचसी की नियमित टीम के अलावा संविदा पर नियोजित एमबीबीएस चिकित्सकों के माध्यम से इसे शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जो अंतिम चरण में है। 15 फरवरी से इसका क्रियान्वयन पूरे जिले में एक साथ प्रारंभ हो जाएगा।