पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
बस्ती। बारह मार्च से बोर्ड परीक्षा कराने के लिए केंद्रों के निर्धारण के बाद अब कक्ष निरीक्षकाें की तैनाती को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है। माध्यमिक कालेजों में पर्याप्त संख्या में महिला शिक्षक न होने से परीक्षा से जुड़े अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। महिला कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था प्राथमिक विद्यालयों से ही संभव है।
जिले में यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए इस बार कुल 161 परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया गया है। काफी मशक्कत के बाद किसी तरह केंद्रों का निर्धारण किया गया। लेकिन अब केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकाें की तैनाती की कवायद चल रही है। पिछले साल 1236 कक्ष निरीक्षकों को बोर्ड परीक्षा में लगाया गया था। इनमें तकरीबन आधे प्राथमिक शिक्षकों ने जिम्मेदारी निभाई थी। विभाग के सामने सबसे मुश्किल महिला कक्ष निरीक्षकों की तैनाती को लेकर है। माध्यमिक स्कूलाें में महिला शिक्षकाें की संख्या काफी कम है। ऐसे में एक बार फिर महकमे की नजर बेसिक शिक्षकों पर टिक गई है। बोर्ड से अगले महीने में केंद्र के सापेक्ष कक्ष निरीक्षकाें की ड्यूटी लगाने का निर्देश स्थानीय स्तर पर मिलने की उम्मीद है। लेकिन विभागीय अधिकारी अभी से इस पसोपेश में हैं कि कक्ष निरीक्षकाें की कमी किस प्रकार से पूरी की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक रामकृपाल प्रसाद का कहना है कि कक्ष निरीक्षकाें की ड्यूटी बोर्ड से निर्धारित होगी। सूची मिलने के बाद स्थानीय स्तर से जो भी प्रबंध है, किया जाएगा। जहां तक प्राथमिक शिक्षकाें की ड्यूटी लगाने की बात है तो वे भी शिक्षा महकमे के एक अंग हैं। इसलिए उनका सहयोग लिया जाता है।
बस्ती। बारह मार्च से बोर्ड परीक्षा कराने के लिए केंद्रों के निर्धारण के बाद अब कक्ष निरीक्षकाें की तैनाती को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है। माध्यमिक कालेजों में पर्याप्त संख्या में महिला शिक्षक न होने से परीक्षा से जुड़े अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। महिला कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था प्राथमिक विद्यालयों से ही संभव है।
जिले में यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए इस बार कुल 161 परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया गया है। काफी मशक्कत के बाद किसी तरह केंद्रों का निर्धारण किया गया। लेकिन अब केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकाें की तैनाती की कवायद चल रही है। पिछले साल 1236 कक्ष निरीक्षकों को बोर्ड परीक्षा में लगाया गया था। इनमें तकरीबन आधे प्राथमिक शिक्षकों ने जिम्मेदारी निभाई थी। विभाग के सामने सबसे मुश्किल महिला कक्ष निरीक्षकों की तैनाती को लेकर है। माध्यमिक स्कूलाें में महिला शिक्षकाें की संख्या काफी कम है। ऐसे में एक बार फिर महकमे की नजर बेसिक शिक्षकों पर टिक गई है। बोर्ड से अगले महीने में केंद्र के सापेक्ष कक्ष निरीक्षकाें की ड्यूटी लगाने का निर्देश स्थानीय स्तर पर मिलने की उम्मीद है। लेकिन विभागीय अधिकारी अभी से इस पसोपेश में हैं कि कक्ष निरीक्षकाें की कमी किस प्रकार से पूरी की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक रामकृपाल प्रसाद का कहना है कि कक्ष निरीक्षकाें की ड्यूटी बोर्ड से निर्धारित होगी। सूची मिलने के बाद स्थानीय स्तर से जो भी प्रबंध है, किया जाएगा। जहां तक प्राथमिक शिक्षकाें की ड्यूटी लगाने की बात है तो वे भी शिक्षा महकमे के एक अंग हैं। इसलिए उनका सहयोग लिया जाता है।