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बस्ती। बैंकों की तीन दिनों की बंदी के पहले ही दिन शुक्रवार को अधिकतर बैंकों के एटीएम दगा दे गए। किसी में कैश नहीं तो किसी पर नेटवर्क फेल होने का नोटिस चस्पां था। इससे रुपये निकालने के लिए लोग एक जगह से दूसरे एटीएम तक दौड़ लगाते रहे।
शुक्रवार को बारावफात के चलते बैंकों में अवकाश है। जो अभी दो दिन और रहेगा। शनिवार को गणतंत्र दिवस के बाद अगले दिन रविवार है। लेकिन तीन दिन कौन कहे, बैंकों की व्यवस्था पहले दिन ही धराशायी हो गई। भारतीय स्टेट बैंक के आठ में से दो एटीएम पर ताला जड़ा रहा। स्टेशन परिसर और कंपनी बाग पर लगा एटीएम बंद रहे। इसके पीछे कभी तकनीकी कमी या फिर कैश की वजह बताई जाती रही। रामेश्वरपुरी के रहने वाले प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि पास के एटीएम बंद रहने के कारण रोडवेज पर स्थित एक निजी बैंक के एटीएम से जाकर रुपये निकालने पड़े। कंपनी बाग में एक निजी संस्था संचालित करने वाले जी. रहमान करीब के एटीएम से निराश होने के बाद कचहरी की ओर दौड़े। मड़वानगर निवासी दिनेश श्रीवास्तव, बैरिहवां के रामप्रकाश सिंह, संजय श्रीवास्तव का कहना है कि तीन दिन तक एटीएम का ही सहारा है। अगर वह भी दगा दे गए तो अवकाश के शेष दो दिनों में बैंकों के एटीएम से जरूरतें पूरी होना मुश्किल ही है। इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक आरआर मिश्रा का कहना है कि भले ही हमारी एक ही एटीएम है। लेकिन इसमें धन की कमी नहीं होगी। वहीं दूसरी तरफ एचडीएफसी बैंक के उपशाखा प्रबंधक अजीत सिंह ने कहा कि उनके तीन एटीएम लगातार काम कर रहे हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर किसी को कोई असुविधा न हो, प्रबंधन इसका पूरा प्रयास कर रहा है।
बस्ती। बैंकों की तीन दिनों की बंदी के पहले ही दिन शुक्रवार को अधिकतर बैंकों के एटीएम दगा दे गए। किसी में कैश नहीं तो किसी पर नेटवर्क फेल होने का नोटिस चस्पां था। इससे रुपये निकालने के लिए लोग एक जगह से दूसरे एटीएम तक दौड़ लगाते रहे।
शुक्रवार को बारावफात के चलते बैंकों में अवकाश है। जो अभी दो दिन और रहेगा। शनिवार को गणतंत्र दिवस के बाद अगले दिन रविवार है। लेकिन तीन दिन कौन कहे, बैंकों की व्यवस्था पहले दिन ही धराशायी हो गई। भारतीय स्टेट बैंक के आठ में से दो एटीएम पर ताला जड़ा रहा। स्टेशन परिसर और कंपनी बाग पर लगा एटीएम बंद रहे। इसके पीछे कभी तकनीकी कमी या फिर कैश की वजह बताई जाती रही। रामेश्वरपुरी के रहने वाले प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि पास के एटीएम बंद रहने के कारण रोडवेज पर स्थित एक निजी बैंक के एटीएम से जाकर रुपये निकालने पड़े। कंपनी बाग में एक निजी संस्था संचालित करने वाले जी. रहमान करीब के एटीएम से निराश होने के बाद कचहरी की ओर दौड़े। मड़वानगर निवासी दिनेश श्रीवास्तव, बैरिहवां के रामप्रकाश सिंह, संजय श्रीवास्तव का कहना है कि तीन दिन तक एटीएम का ही सहारा है। अगर वह भी दगा दे गए तो अवकाश के शेष दो दिनों में बैंकों के एटीएम से जरूरतें पूरी होना मुश्किल ही है। इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक आरआर मिश्रा का कहना है कि भले ही हमारी एक ही एटीएम है। लेकिन इसमें धन की कमी नहीं होगी। वहीं दूसरी तरफ एचडीएफसी बैंक के उपशाखा प्रबंधक अजीत सिंह ने कहा कि उनके तीन एटीएम लगातार काम कर रहे हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर किसी को कोई असुविधा न हो, प्रबंधन इसका पूरा प्रयास कर रहा है।