बस्ती। कर्तव्य निष्ठा पर सवाल खड़ा होने के बाद जिले के तीन थानेदार लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। उनकी जगह दूसरे को चार्ज दे दिया गया है। इसके साथ ही एसपी आनंद कुलकर्णी ने खाली चल रहे गौर थाने पर भी प्रभारी एसओ की तैनाती कर दी है।
जन्माष्टमी में डीजे की धुन पर थिरकने के मामले में मिस कंडक्ट की सजा पा चुके एसओ रुधौली राज किशोर यादव को हटाकर उनकी जगह गांधीनगर के चौकी इंचार्ज रहे प्रदीप सिंह को एसओ बनाया गया है। काफी दिनों से उपेक्षित रहे प्रदीप सिंह को पहली बार थानेदारी मिली है। वहीं पहले कई थानों पर तैनात रहे दद्दन सिंह को लालगंज का एसओ बनाया गया है। निर्धारित आयुसीमा समाप्त होने की वजह से एसओ लालगंज रहे राम शब्द को भी लाइन में आमद करा लिया गया है। बकौल एसपी, गैर जिले में मिस कंडक्ट की सजा मिलने पर छावनी एसओ लाल बचन धुसिया को लाइन में बुलाकर उनकी जगह रीडर जगदीश प्रसाद वर्मा को वहां का चार्ज दे दिया गया है। इसके अलावा अटल बिहारी ठाकुर के सिद्धार्थनगर ट्रांसफर होने के बाद खाली चल रहे गौर थाने का प्रभार एसएसआई कोतवाली रहे राम जतन वरुन को सौंप दिया गया है। तैनाती के बाद पहली बार बड़ा फेरबदल करने पर एसपी की प्रतिक्रिया थी कि वे लोग खुद ही अपनी अर्हता खो दिए इसलिए उन्हें हटाना पड़ा।
बस्ती। कर्तव्य निष्ठा पर सवाल खड़ा होने के बाद जिले के तीन थानेदार लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। उनकी जगह दूसरे को चार्ज दे दिया गया है। इसके साथ ही एसपी आनंद कुलकर्णी ने खाली चल रहे गौर थाने पर भी प्रभारी एसओ की तैनाती कर दी है।
जन्माष्टमी में डीजे की धुन पर थिरकने के मामले में मिस कंडक्ट की सजा पा चुके एसओ रुधौली राज किशोर यादव को हटाकर उनकी जगह गांधीनगर के चौकी इंचार्ज रहे प्रदीप सिंह को एसओ बनाया गया है। काफी दिनों से उपेक्षित रहे प्रदीप सिंह को पहली बार थानेदारी मिली है। वहीं पहले कई थानों पर तैनात रहे दद्दन सिंह को लालगंज का एसओ बनाया गया है। निर्धारित आयुसीमा समाप्त होने की वजह से एसओ लालगंज रहे राम शब्द को भी लाइन में आमद करा लिया गया है। बकौल एसपी, गैर जिले में मिस कंडक्ट की सजा मिलने पर छावनी एसओ लाल बचन धुसिया को लाइन में बुलाकर उनकी जगह रीडर जगदीश प्रसाद वर्मा को वहां का चार्ज दे दिया गया है। इसके अलावा अटल बिहारी ठाकुर के सिद्धार्थनगर ट्रांसफर होने के बाद खाली चल रहे गौर थाने का प्रभार एसएसआई कोतवाली रहे राम जतन वरुन को सौंप दिया गया है। तैनाती के बाद पहली बार बड़ा फेरबदल करने पर एसपी की प्रतिक्रिया थी कि वे लोग खुद ही अपनी अर्हता खो दिए इसलिए उन्हें हटाना पड़ा।