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उमेश पाल अपहरण कांड: अशरफ के बयान से सिस्टम पर उठे सवाल, LIU भी शक के घेरे में, जानें ऐसा क्या बोला खालिद अजीम

अमर उजाला ब्यूरो, बरेली Published by: आकाश दुबे Updated Thu, 30 Mar 2023 09:38 PM IST
सार

अशरफ ने कहा था कि वह हत्या की साजिश कैसे रच सकता है, मुलाकात के दौरान एलआईयू के लोग मौजूद रहते हैं। इस बयान के बाद एलआईयू के लोग भी संदेह के घेरे में आ गए हैं।

Ashraf s statement Questions raised on jail administration and system
अशरफ उर्फ खालिद अजीम - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम के ताजा बयान ने एक बार फिर व्यवस्था की कलई खोली है। बरेली जिला जेल को उसने महफूज ठिकाना बताया, यह जेल में उसे मिलने वाली सुविधाओं की ओर इशारा कर रहा है। वहीं, जेल में ड्यूटी करने वाले खुफिया अमले के लोग भी संदेह के घेरे में आ गए हैं।

अशरफ ने प्रयागराज से लौटकर जिला जेल (केंद्रीय कारागार-2) के गेट पर पुलिस वैन में बैठकर मीडिया को जो बयान दिए, अब लोग उनका मतलब निकाल रहे हैं। अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है, जबकि उसने कहा था कि वह हत्या की साजिश कैसे रच सकता है, मुलाकात के दौरान एलआईयू के लोग मौजूद रहते हैं। इस बयान के बाद एलआईयू के वे लोग भी संदेह के घेरे में आ गए हैं, जो मुलाकात के दौरान जेल में तैनात रहते थे।

जाहिर है कि उमेश पाल हत्याकांड से पहले शूटरों ने अशरफ से मुलाकात की थी और शहर में रहकर सद्दाम भी नेटवर्क तैयार करने के लिए लल्ला और उसके गुर्गों से अशरफ की मुलाकात कराता था। ऐसे में एलआईयू के जरिये अफसरों और शासन को उमेश पाल की हत्या की भनक भी नहीं लग सकी। अशरफ को सहूलियत देने और गुर्गों से उसकी मुलाकात कराने में जेल स्टाफ समेत कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अशरफ ने यह भी बयान दिया है कि जेल में उसे कोई खतरा नहीं, इसके भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

बड़े अपराधियों से मुलाकात के दौरान रहती है निगरानी
बताया जा रहा है कि जेल में निरुद्ध बड़े अपराधियों से जब कोई मुलाकात करने आता है तो एलआईयू का कम से कम एक कर्मचारी वहां मौजूद रहता है। अशरफ के बयान से स्पष्ट है कि निगरानी के मामले में या तो घोर लापरवाही की गई या फिर मिलीभगत रही। जिला जेल में जम्मू-कश्मीर के भी कुछ खूंखार अपराधी बंद हैं। उनसे मुलाकात करने वालों पर भी एलआईयू नजर रखती है।
 

जेल कैंटीन में ताला, सबको एक जैसा निवाला
सूत्रों के मुताबिक जेल में चलने वाली कैंटीन को बंद कर दिया गया है। अब सभी कैदी और बंदी जेल का साधारण खाना खा रहे हैं। इससे गरीब वर्ग से जुड़े बंदी काफी खुश हैं। पहले जेल में कैंटीन चल रही थी, जिसमें रसूखदार अपराधी मनपसंद खाना खाते थे। कैंटीन में अंडा करी, मटर पनीर भी मिलता था।

जेल वार्डरों की जमानत अर्जी पर सुनवाई कल
अशरफ से गुर्गों की मुलाकात कराने के आरोप में जेल भेजे गए पीलीभीत जेल में तैनात वार्डर मनोज गौड़ ने अदालत में जमानत अर्जी लगाई है। वह पहले बरेली जिला जेल में ही तैनात था। आरोप है कि उसने तैनाती के दौरान अशरफ की मदद की थी। जेल वार्डर शिवहरि अवस्थी की जमानत अर्जी पहले ही लगाई जा चुकी है। दोनों की अर्जी पर एक अप्रैल को सुनवाई होगी।
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