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बरेली। लोकसभा चुनाव निष्पक्ष और शांति पूर्वक संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां कर ली हैं। जिले भर में लगभग 15 हजार कर्मचारी मतदान केंद्रों पर तैनात किए जाएंगे। एनआईसी से ड्यूटियां लगना शुरू हो गई हैं। सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मी और अफसर ही चुनाव प्रक्रिया से अलग रखे गए हैं। इधर, तमाम लोग ड्यूटी से बचने के लिए पैरवी में जुट गए हैं।
जिले में प्रशासन ने 1892 मतदान केंद्रों पर 2969 मतदेय स्थल बनाए हैं। इन केंद्रों लगभग 29 लाख से ज्यादा लोग अपना मत प्रयोग करेंगे। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा कर्मियों आदि के अलावा पोलिंग व्यवस्था में लगभग 15 हजार कर्मचारी लगाए गए हैं। इन्हीं में से मतदान/पीठासीन अधिकारी और माइक्रो प्रेक्षक बनाएं जाएंगे। सेक्ट्रर और जोनल मजिस्टृट पहले से ही नामित किए जा चुके हैं।
मतदान केंद्रों पर निष्पक्ष रूप से ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) निभा रहा है। जिला प्रशासन ने एनआईसी प्रभारी कमल शर्मा और वैज्ञानिक एमसी शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी है। कंप्यूटर से लगने वाली ड्यूटी में किसी को पहले पता नहीं चल पाएगा कि कौन कहां लगेगा।
जिला निर्वाचन कार्यालय सभी कर्मियों की ड्यूटी बुधवार तक लगा देगा। साथ ही संबंधित विभागाध्यक्षों तक इसकी सूची पहुंचेगी। इस बीच तमाम अफसर और कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए अपना नाम कटवाने के लिए निर्वाचन कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं। साथ ही लोनिवि, परिवहन निगम, स्वास्थ्य, जल निगम आदि विभागाध्यक्षों ने अधीनस्थों से चुनावी प्रक्रिया से अलग रखने का आग्रह किया है।
चुनाव व्यवस्था
मतदान केंद्र 1,892
मतदेय केंद्र 2,969
विभाग 484
कर्मचारी और 15,000
अफसर
मतदाता 29 लाख
‘आवश्यक सेवा जैसे जल, बिजली, स्वास्थ्य, सफाई आदि से जुड़े कर्मचारी/ अफसर चुनाव प्रक्रिया में नहीं लगाए जा रहे हैं। कुल 484 प्रांतीय और केंद्रीय विभागों से 15 हजार कर्मी और अफसर लिए गए हैं।’
- भगवान सिंह, सीडीओ
बरेली। लोकसभा चुनाव निष्पक्ष और शांति पूर्वक संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां कर ली हैं। जिले भर में लगभग 15 हजार कर्मचारी मतदान केंद्रों पर तैनात किए जाएंगे। एनआईसी से ड्यूटियां लगना शुरू हो गई हैं। सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मी और अफसर ही चुनाव प्रक्रिया से अलग रखे गए हैं। इधर, तमाम लोग ड्यूटी से बचने के लिए पैरवी में जुट गए हैं।
जिले में प्रशासन ने 1892 मतदान केंद्रों पर 2969 मतदेय स्थल बनाए हैं। इन केंद्रों लगभग 29 लाख से ज्यादा लोग अपना मत प्रयोग करेंगे। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा कर्मियों आदि के अलावा पोलिंग व्यवस्था में लगभग 15 हजार कर्मचारी लगाए गए हैं। इन्हीं में से मतदान/पीठासीन अधिकारी और माइक्रो प्रेक्षक बनाएं जाएंगे। सेक्ट्रर और जोनल मजिस्टृट पहले से ही नामित किए जा चुके हैं।
मतदान केंद्रों पर निष्पक्ष रूप से ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) निभा रहा है। जिला प्रशासन ने एनआईसी प्रभारी कमल शर्मा और वैज्ञानिक एमसी शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी है। कंप्यूटर से लगने वाली ड्यूटी में किसी को पहले पता नहीं चल पाएगा कि कौन कहां लगेगा।
जिला निर्वाचन कार्यालय सभी कर्मियों की ड्यूटी बुधवार तक लगा देगा। साथ ही संबंधित विभागाध्यक्षों तक इसकी सूची पहुंचेगी। इस बीच तमाम अफसर और कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए अपना नाम कटवाने के लिए निर्वाचन कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं। साथ ही लोनिवि, परिवहन निगम, स्वास्थ्य, जल निगम आदि विभागाध्यक्षों ने अधीनस्थों से चुनावी प्रक्रिया से अलग रखने का आग्रह किया है।
चुनाव व्यवस्था
मतदान केंद्र 1,892
मतदेय केंद्र 2,969
विभाग 484
कर्मचारी और 15,000
अफसर
मतदाता 29 लाख
‘आवश्यक सेवा जैसे जल, बिजली, स्वास्थ्य, सफाई आदि से जुड़े कर्मचारी/ अफसर चुनाव प्रक्रिया में नहीं लगाए जा रहे हैं। कुल 484 प्रांतीय और केंद्रीय विभागों से 15 हजार कर्मी और अफसर लिए गए हैं।’
- भगवान सिंह, सीडीओ