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बरेली। जीआरपी के सिपाही ने सोमवार रात साथी को बेरहमी से पीटकर हवालात में डाला तो टेंपो चालकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जंक्शन पर चक्का जाम कर थाने का घेराव किया और जमकर हंगामा मचाया। ड्राइवरों के तेवर देखकर जीआरपी ने टेंपो का चालान कर चालक को छोड़ दिया। इसके बावजूद ड्राइवर आरोपी सिपाही के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग कर रहे थे।
पीलीभीत बाईपास रोड स्थित मुंशी नगर निवासी चालक गोविंद टेंपो लेकर जंक्शन गया। उसके मुताबिक रात 9.30 बजे वह टेंपो लेकर जंक्शन परिसर से निकल रहा था। इस बीच सामने से एक बाइक आ गई। गोविंद के ब्रेक लगाने पर टेंपो बंद हो गया। पीछे से सादा कपड़ों में आए जीआरपी के एक सिपाही ने टेंपो के अंदर ड्राइवर को डंडे से पीटना शुरू कर दिया। वह नीचे उतरकर कुछ दूरी पर खड़े दूसरे सिपाही के पास शिकायत करने गया। पीछे से वह सिपाही भी पहुंच गया। इसके बाद उसने गोविंद को लात घूंसों से पीटा और जीआरपी थाने ले जाकर हवालात में डाल दिया। इसका पता जैसे ही ड्राइवरों को चला, वे उग्र हो गए। करीब 100-150 ड्राइवर चक्का जाम कर हंगामा करने लगे। इसके बाद आटो रिक्शा टेंपो चालक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेमपाल के नेतृत्व में ड्राइवरों ने जीआरपी थाना घेर लिया। पहले जीआरपी वाले लोगों को शांत करने की कोशिश करते रहे। हंगामा शांत नहीं हुआ तो टेंपो का चालान कर चालक गोविंद को छोड़ दिया।
साथी के छूटने पर चालक थाने से तो चले गए, लेकिन टेंपो की हड़ताल जारी रखी और सिपाही के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने की मांग को जंक्शन परिसर में हंगामा करते रहे। प्रेमपाल का कहना है कि हर चालक से प्रति माह जीआरपी वाले सौ रुपये वसूलते हैं। रुपये नहीं देने पर मारपीट की जाती है। उधर, मामला उलटा पड़ता देख जीआरपी के एक दरोगा टेंपो वालों को समझाने गए। उन्होंने सिपाही की तरफ से खुद माफी मांगी। इसके बाद चालक शांत हो गए, लेकिन करीब तीन घंटे बाद करीब 12.30 बजे टेंपो का संचालन शुरू हुआ। टेंपो वालों का कहना था कि गलती सिपाही ने की है। उसे ही माफी मांगनी चाहिए।
बरेली। जीआरपी के सिपाही ने सोमवार रात साथी को बेरहमी से पीटकर हवालात में डाला तो टेंपो चालकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जंक्शन पर चक्का जाम कर थाने का घेराव किया और जमकर हंगामा मचाया। ड्राइवरों के तेवर देखकर जीआरपी ने टेंपो का चालान कर चालक को छोड़ दिया। इसके बावजूद ड्राइवर आरोपी सिपाही के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग कर रहे थे।
पीलीभीत बाईपास रोड स्थित मुंशी नगर निवासी चालक गोविंद टेंपो लेकर जंक्शन गया। उसके मुताबिक रात 9.30 बजे वह टेंपो लेकर जंक्शन परिसर से निकल रहा था। इस बीच सामने से एक बाइक आ गई। गोविंद के ब्रेक लगाने पर टेंपो बंद हो गया। पीछे से सादा कपड़ों में आए जीआरपी के एक सिपाही ने टेंपो के अंदर ड्राइवर को डंडे से पीटना शुरू कर दिया। वह नीचे उतरकर कुछ दूरी पर खड़े दूसरे सिपाही के पास शिकायत करने गया। पीछे से वह सिपाही भी पहुंच गया। इसके बाद उसने गोविंद को लात घूंसों से पीटा और जीआरपी थाने ले जाकर हवालात में डाल दिया। इसका पता जैसे ही ड्राइवरों को चला, वे उग्र हो गए। करीब 100-150 ड्राइवर चक्का जाम कर हंगामा करने लगे। इसके बाद आटो रिक्शा टेंपो चालक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेमपाल के नेतृत्व में ड्राइवरों ने जीआरपी थाना घेर लिया। पहले जीआरपी वाले लोगों को शांत करने की कोशिश करते रहे। हंगामा शांत नहीं हुआ तो टेंपो का चालान कर चालक गोविंद को छोड़ दिया।
साथी के छूटने पर चालक थाने से तो चले गए, लेकिन टेंपो की हड़ताल जारी रखी और सिपाही के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने की मांग को जंक्शन परिसर में हंगामा करते रहे। प्रेमपाल का कहना है कि हर चालक से प्रति माह जीआरपी वाले सौ रुपये वसूलते हैं। रुपये नहीं देने पर मारपीट की जाती है। उधर, मामला उलटा पड़ता देख जीआरपी के एक दरोगा टेंपो वालों को समझाने गए। उन्होंने सिपाही की तरफ से खुद माफी मांगी। इसके बाद चालक शांत हो गए, लेकिन करीब तीन घंटे बाद करीब 12.30 बजे टेंपो का संचालन शुरू हुआ। टेंपो वालों का कहना था कि गलती सिपाही ने की है। उसे ही माफी मांगनी चाहिए।