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बरेली। जिला अस्पताल के आक्सीजन प्लांट में लीकेज हो गया है। इससे यहां बड़े सिलेंडर में गैस भरने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में गैस रिसाव हो रहा है। हारकर रविवार को प्लांट को पूरी तरह बंद रखा गया। सोमवार को मरम्मत हुई लेकिन लीकेज की समस्या पूरी तरह दुरुस्त नहीं हुई। नतीजा यह कि आनन - फानन में गंभीर मरीजों का आकस्मिक उपचार लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ जारी रखने को बाहर से छोटे आक्सीजन सिलेंडरों की खरीददारी करनी पड़ी।
सोमवार शाम को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भरती न्यू किला कटघर निवासी नाजमइन, किला छावना निवासी सलमा, जाटवपुरा निवासी राजकुमार, सीबीगंज निवासी हरिद्वार नामक रोगियों की उखड़ती सांस को थामने के लिये आपात स्थिति में बाहर से खरीद कर लाये गये सिलेंडरों का इस्तेमाल करना पड़ा। रात में कहीं किल्लत ना पड़ जाये और फिर नये सिरे से कहीं अस्पताल की किरकिरी ना हो, इसलिये प्रशासनिक अधिकारियों ने छह अतिरिक्त सिलेंडरों का स्टाक इमरजेंसी ब्लाक में रखवाया। अपर निदेशक सह प्रमुख अधीक्षक डा. एके जैन ने बताया कि प्लांट के वाशर में गत में 15 दिनों से लीकेज है। समस्या से निपटने को बाहर से सिलेंडर खरीदा जा रहा जो कि महंगा पड़ रहा है। यह ब्योरा सामने आते ही तत्काल प्लांट का लीकेज सही कराने की प्रक्रिया शुरू कराई गई। सोमवार को वाशर तो मंगाये गये लेकिन वह आकार में छोटे निकले। मंगलवार तक प्लांट सही होने से आक्सीजन संबंधी समस्या से निजात मिल जायेगी।
ओपीडी में ड्रेसिंग बंद
बरेली। जिला अस्पताल के ओपीडी भवन में कमरा नंबर 20 में चलने वाला ड्रेसिंग रूम गत 20 जनवरी से ही बंद पड़ा है। ऐसे में ड्रेसिंग वाले मरीज इमरजेंसी विभाग पहुंच रहे हैं। लेकिन वहां आपात चिकित्सा को पहुंचने वाले मरीजों की अधिकता होने पर ओपीडी मरीजों की कई बार सुध नहीं ली जाती। सोमवार दोपहर भी घाव, फोड़ा आदि की ढ्रेसिंग कराने में परेशानी आने पर मरीजों और उनके परिजनों ने शोरगुल भी मचाया। अपर निदेशक सह प्रमुख अधीक्षक डा. एके जैन ने कहा कि ड्रेसिंग की समस्या सुलझाने को वैकल्पिक व्यवस्था तात्कालिक तौर पर इमरजेंसी में कर दी गई है। ओपीडी में वार्ड ब्वाय भी इसके लिये उपलब्ध है।
बरेली। जिला अस्पताल के आक्सीजन प्लांट में लीकेज हो गया है। इससे यहां बड़े सिलेंडर में गैस भरने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में गैस रिसाव हो रहा है। हारकर रविवार को प्लांट को पूरी तरह बंद रखा गया। सोमवार को मरम्मत हुई लेकिन लीकेज की समस्या पूरी तरह दुरुस्त नहीं हुई। नतीजा यह कि आनन - फानन में गंभीर मरीजों का आकस्मिक उपचार लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ जारी रखने को बाहर से छोटे आक्सीजन सिलेंडरों की खरीददारी करनी पड़ी।
सोमवार शाम को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भरती न्यू किला कटघर निवासी नाजमइन, किला छावना निवासी सलमा, जाटवपुरा निवासी राजकुमार, सीबीगंज निवासी हरिद्वार नामक रोगियों की उखड़ती सांस को थामने के लिये आपात स्थिति में बाहर से खरीद कर लाये गये सिलेंडरों का इस्तेमाल करना पड़ा। रात में कहीं किल्लत ना पड़ जाये और फिर नये सिरे से कहीं अस्पताल की किरकिरी ना हो, इसलिये प्रशासनिक अधिकारियों ने छह अतिरिक्त सिलेंडरों का स्टाक इमरजेंसी ब्लाक में रखवाया। अपर निदेशक सह प्रमुख अधीक्षक डा. एके जैन ने बताया कि प्लांट के वाशर में गत में 15 दिनों से लीकेज है। समस्या से निपटने को बाहर से सिलेंडर खरीदा जा रहा जो कि महंगा पड़ रहा है। यह ब्योरा सामने आते ही तत्काल प्लांट का लीकेज सही कराने की प्रक्रिया शुरू कराई गई। सोमवार को वाशर तो मंगाये गये लेकिन वह आकार में छोटे निकले। मंगलवार तक प्लांट सही होने से आक्सीजन संबंधी समस्या से निजात मिल जायेगी।
ओपीडी में ड्रेसिंग बंद
बरेली। जिला अस्पताल के ओपीडी भवन में कमरा नंबर 20 में चलने वाला ड्रेसिंग रूम गत 20 जनवरी से ही बंद पड़ा है। ऐसे में ड्रेसिंग वाले मरीज इमरजेंसी विभाग पहुंच रहे हैं। लेकिन वहां आपात चिकित्सा को पहुंचने वाले मरीजों की अधिकता होने पर ओपीडी मरीजों की कई बार सुध नहीं ली जाती। सोमवार दोपहर भी घाव, फोड़ा आदि की ढ्रेसिंग कराने में परेशानी आने पर मरीजों और उनके परिजनों ने शोरगुल भी मचाया। अपर निदेशक सह प्रमुख अधीक्षक डा. एके जैन ने कहा कि ड्रेसिंग की समस्या सुलझाने को वैकल्पिक व्यवस्था तात्कालिक तौर पर इमरजेंसी में कर दी गई है। ओपीडी में वार्ड ब्वाय भी इसके लिये उपलब्ध है।