बरेली। सुभाष नगर बग्गा कॉलोनी में एक पेंटर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार की सुबह उसका शव कमरे में लटका मिला। पत्नी के दस दिन पहले झगड़ा करके मायके चले जाने और दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में फंसने को लेकर वह मानसिक तनाव में था।
बग्गा कॉलोनी के रामचंद्र उर्फ लल्ला बाबू के तीन बेटों में 20 वर्षीय मनोज सबसे बड़ा था और घर पर ही पेंटिंग का काम करता था। बाकी दोनों भाई बाहर रहते हैं। शनिवार शाम छह बजे रामचंद्र पत्नी निशा के साथ अपनी ससुराल सीबीगंज गए थे। घर पर मनोज अकेला था। पास ही अलग मकान में मनोज के दादा-दादी रहते हैं। रविवार की सुबह दस बजे दादी गिरिजा देवी चाय के लिए मनोज को जगाने गईं तो मेन गेट बंद था। आवाज लगाने पर भी कोई जवाब न मिला तो गिरिजा देवी ने घर जाकर पति वासुदेव को बताया। वह छत से होकर घर में गए तो मनोज का कमरा बंद था। खिड़की से देखा तो मनोज साड़ी के सहारे पंखे पर लटका था। उनके शोर मचाने पर आसपास के लोग पहुंच गए और दरवाजा तोड़कर मनोज को नीचे उतारा गया। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। खबर मिलने पर पिता रामचंद्र, मां मुन्नी और पत्नी निशा भी पहुंच गए।
निशा के साथ मनोज की शादी करीब दो साल पहले हुई थी। उनके एक साल का बेटा लव है। रामचंद्र के मुताबिक निशा 24 मई की रात मनोज से झगड़ा करके बेटे लव को लेकर घर से निकल गई। मनोज पीछे गया लेकिन निशा कोतवाली पहुंच गई। वहां से मायके बिहारीपुर चली गई। मनोज ने फोन पर घर लौटने को कहा तो निशा ने दहेज उत्पीड़न में मनोज और उसके माता-पिता को जेल भिजवाने की धमकी दी। इससे मनोज मानसिक तनाव में रहने लगा।
गुस्साए घरवालों ने पत्नी को पीटा
मनोज के फांसी लगा लेने का पता चलने पर जब पत्नी निशा मायके वालों के साथ ससुराल पहुंची तो मनोज के घरवालों ने उसकी पिटाई कर दी। रिश्तेदारों ने किसी तरह उसे बचाया।