बरेली। पांच महीने से ज्यादा वक्त हो गया दुश्वारियां झेलते हुए। बरेली से लालकुआं के बीच आमान परिवर्तन के लिए छोटी लाइन की ट्रेन क्या बंद हुई, इस रूट पर रोजाना सफर करने वाले हजारों मुसाफिरों पर जैसे मुश्किलें टूट पड़ीं। खस्ताहाल सड़क, ऊपर से बसों की कमी। डग्गामार गाड़ियों के भरोसे न समय से पहुंचने की गारंटी रही, न सही-सलामत सफर पूरा होने की। लेकिन अब इन सारी दुश्वारियों से निजात मिलने का वक्त आ गया है। जून के अंत में कमिश्नर रेलवे सेफ्टी का निरीक्षण भी अगर ठीक से निपट गया तो जुलाई के पहले सप्ताह से फिर ट्रेनों में सफर की सुविधा बहाल हो जाएगी।
बरेली-लालकुआं के बीच छोटी लाइन पर ट्रेनों का संचालन 31 दिसंबर को बंद किया गया था। तभी से इस रूट पर चलने वाले लोगों के लिए सफर बेहद मुश्किल भरा हो गया। ट्रेन बंद होने से यातायात का सारा बोझ रोडवेज की बसों पर आ गया, लेकिन बसों की तादाद बेहद कम होने की वजह से मारामारी बढ़ी तो डग्गामार गाड़ियां चलाने वाले चांदी काटने लगे। ठसाठस भरी बसों और ऊपर से गड्ढों भरी सड़क पर सफर कर रहे लोगों के लिए ब्रॉड गेज ट्रैक पर जीएम स्पेशल ट्रेन का कामयाब ट्रायल बेहद सुखद समाचार है। जीएम केबीएल मित्तल का यह दावा कि जुलाई के पहले सप्ताह में ही इस रूट पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा, उनकी मुश्किलों का जल्द अंत हो जाने का यकीन दिलाने वाला भी है।
लालकुआं से बरेली जंक्शन के आउटर सिग्नल तक मुआयने के बाद जीएम ने इज्जतनगर मंडल दफ्तर में हुई समीक्षा बैठक में संरक्षा पर खास ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि बरेली सिटी से ब्रॉड गेज की ट्रेनें जंक्शन तक ले जाने में तकनीकी दिक्कतें हैं। जंक्शन पर पूर्वोत्तर रेलवे के पास इतनी जगह नहीं है कि ब्रॉड गेज का प्लेटफार्म बनाया जा सके। लेकिन जल्द ही इस समस्या का कोई न कोई हल जरूर निकाला जाएगा।
अगले महीने से चलने लगेंगी ट्रेनें : जीएम
बरेली। जीएम केबीएल मित्तल ने स्पेशल ट्रेन में सफर के दौरान बताया कि सब कुछ सामान्य रहा तो इस महीने के अंत तक सीआरएस (कमिश्नर रेलवे सेफ्टी) का निरीक्षण पूरा हो जाएगा। जुलाई के प्रथम सप्ताह में लालकुआं से बरेली के मध्य सवारी गाड़ी का संचालन शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि स्टेशनों के आसपास का अतिक्रमण हटाया जाएगा, ताकि प्लेटफार्म और स्टेशन परिसर को विस्तार दिया जा सके।
--------------------
----
अभी 84 किलोमीटर का सफर पांच घंटे में
एक जनवरी से बरेली-लालकुआं रूट बंद होने से पहले इस रूट पर आने जाने वाली ट्रेनों में एक दिन में तकरीबन 15-17 हजार यात्री सफर करते थे। एक जनवरी से मेगा ब्लॉक ले लिया गया। नतीजतन, यात्रियों का सारा लोड रोडवेज बसों, जीपों और टेंपो पर आ गया। खराब सड़क और वाहनों की कम तादाद से इस रूट पर सफर करना आसान नहीं रह गया है। इज्जतनगर से बहेड़ी और किच्छा से पंतनगर तक रास्ता काफी खराब है। बरेली से लालकुआं के बीच की दूरी 84 किलोमीटर है और इसे पूरा करने में अधिकतम ढाई घंटे का समय लगना चाहिए, लेकिन सड़क इतनी खराब है कि यह सफर तय करने में चार से पांच घंटे लगते हैं।
----------------
अक्सर कई बार बदलनी पड़ती हैं गाड़ियां
बरेली-लालकुआं सड़क मार्ग पर डग्गामार वाहनों की भरमार है। जीप और बसों में सीट से दोगुनी सवारियां तक भर ली जाती है। गर्मी के मौसम में बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों का सफर करना दुश्वारियों से भरा होता है। कुछ यात्रियों का कहना है कि ज्यादा भीड़ की वजह से कई बार उन्हें रास्ते में तीन से चार वाहन बदलकर गंतव्य तक पहुंचना मजबूरी बन जाती है।
देसी तकनीक की तारीफ की
देवरनियां। जीएम स्पेशल ट्रेन देवरनियां स्टेशन पर दो मिनट रुकी। जीएम ने ट्रैक पर चल रहे ट्रैक्टर को देख इसकी सराहना की। कहा कि इससे समय और डीजल की बचत हो रही है। ट्रैक्टर के पहिए निकालकर ट्रेन के पहिए लगाने के बाद रेलवे ट्रैक पर चलाया जा रहा था। ट्राली में पत्थर ढोने का काम होता देख जीएम के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई। पत्थर भी ट्राली से गिराते समय ट्रैक से स्पर्श न होने पर उन्होंने इसे बेहतर तकनीकी बताया।