बरेली। जिले में किसानों को गेहूं बेचने में आ रही समस्या और उसके बाद बोरों के उठान में कई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। एडीएम-ई और डिप्टी आरएमओ की टीम ने दो दिनों में मंडी समिति, फरीदपुर और भुता के 11 गेहूं खरीद केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। एडीएम-ई ने केंद्र प्रभारियों को बोरों की कमी को पूरा करने, खुले में रखे गेहूं से भरे बोरों का उठान कराने, किसानों की पहचान कर उन्हें ही टोकन देने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार को औचक निरीक्षण पर एडीएम-ई और डिप्टी आरएमओ की टीम फरीदपुर के बकैनिया खरीद केंद्र पहुंची तो वहां से केंद्र प्रभारी गायब मिले। डिप्टी आरएमओ ने उन्हें निलंबित करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही यहां के चार अन्य खरीद केंद्रों और भुता के दो गेहूं खरीद केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। एडीएम ई ने केंद्र प्रभारियों को खुले में रखे बोरों में भरे गेहूं का उठान कराने और किसानों को बिचौलियों से बचाने के निर्देश दिए। नरियावल मंडी और बारी नगला में बीज गोदामों में ट्रकों की लाइन को खत्म करने और गेहूं की खरीद में तेजी लाने के निर्देश दिए।
पीसीएफ केंद्र के ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया गया
एडीएम ई यूके उपाध्याय ने शुक्रवार को मंडी समिति के तीन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। टीम के पहुंचने पर पीसीएफ का ठेकेदार राजीव अग्रवाल मौके से भाग गया। वहां के केंद्र प्रभारी ने ठेकेदार की शिकायत की और गेहूं खरीद में कालाबाजारी करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने खुले में गेहूं की पांच गांठें छोड़ दी हैं। एक गांठ में पांच सौ बोरे होते हैं। इससे गेहूं का काफी नुकसान हो रहा है। एडीएम-ई ने ठेकेदार का ठेका निरस्त करने और उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के आदेश कर दिए हैं। एडीएम-ई यूके उपाध्याय ने बताया कि खाद्य विभाग और एनसीसीएफ गेहूं खरीद केंद्रों का भी निरीक्षण किया गया, जहां हमने किसानों के बकाया राशि का शीघ्र भुगतान करने और बोरों की कमी को दूर करने को कहा है।