बरेली। नगर निकाय चुनाव घोषित होने के बाद पांच दिन चली उठापटक के बाद आखिरकार कांग्रेस ने मेयर सीट के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर ही दिया। पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए अमजद सलीम को प्रत्याशी बनाया है। इस तरह पार्टी ने एक साथ कई निशाने साधे हैं।
व्यापारी वर्ग में अच्छी पकड़ रखने वाले अमजद सलीम समेत कई लोगों ने टिकट के लिए दावा कर रखा था। इनमें से कई तो काफी लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। उन सबके मुकाबले अमजद सलीम पहले से भारी पड़ रहे थे। एक तो विधानसभा चुनाव से पहले शामिल होने के पीछे उनका मकसद विधायकी का टिकट पाना था, जब इसमें वह सफल नहीं हो सके तो पार्टी ने तभी मेयर टिकट के लिए वादा किया था। दूसरा अन्य दलों के वोट बैंक में शिफ्ट हुए मुस्लिम मतदाताओं को फिर से कांग्रेस से ज्यादा से ज्यादा जोड़ना भी पार्टी का मकसद रहा। वैसे डा. मोहम्मद खालिद भी एक दूसरा नाम पार्टी के पास था, मगर शहर में पकड़ के मामले में दोनों के बीच तुलना की गई तो अमजद सलीम भारी पड़े। दूसरा यह भी माना गया कि अमजद सलीम की सभी वर्गों में अच्छी पैठ है। उन्हें टिकट दिलाने में जिले के एक वरिष्ठ नेता का भी अहम रोल रहा, प्रदेश नेतृत्व ने उनकी राय भी ली थी।
लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वीरेंद्र मदान ने अमजद सलीम को टिकट दिये जाने की घोषणा की। अमजद सलीम को रात करीब साढ़े दस बजे अधिकृत रूप से प्रदेश नेतृत्व की ओर से टिकट की जानकारी दी गई। इसके बाद डेलापीर स्थित उनके आवास पर बधाई देने वाले तमाम लोग इकट्ठे हो गए। पटाखे छोड़कर जश्न मनाया गया। अमजद सलीम ने टिकट घोषित होने के बाद अपनी प्राथमिकताएं भी गिनाईं। उन्होंने जीतने पर खासतौर से शहर के धार्मिक पर्यटन नगरी, मेडिकल व एजुकेशनल हब बनाकर लोगों को रोजगार के साधन मुहैया कराना और शहर को साफ-सुथरा रखना अपनी प्राथमिकता में बताई।