बरेली। नगर निगम और प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी अभियान से शहरियों को कुछ भी हासिल नहीं हुआ। इस अभियान में जिन सड़कों से कब्जे हटाए गए थे, उन पर अब फिर पहले ही जैसा हाल है। सप्ताह भर से यह अभियान ठप पड़ा है। यहां काबिल-ए-गौर यह भी है कि यह अभियान डीएम के निर्देश पर शुरू किया गया था। अफसरों को सख्ती से अवैध कब्जे हटाने की भी हिदायत दी गई थी, लेकिन हमेशा की तरह कोई खास नतीजा सामने नहीं आया।
अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए तमाम अफसरों की बैठक के बाद लंबी-चौड़ी रणनीति तय की गई थी। अभियान 15 मई को बेहद ढीले-ढाले ढंग से शुरू हुआ। स्थाई कब्जों को करीब-करीब नजरंदाज करते हुए होर्डिंग-बैनर, ठेले-खोखे जैसे कब्जों को हटाया गया और इसके बाद 21 मई को बीच में ही अभियान रोक दिया गया। इसके बाद 26 मई से दोबारा इसे शुरू करने का दावा किया गया, लेकिन इसके बाद भी अभियान शुरू होने की नौबत नहीं आई। जिन सड़कों को इस अभियान में थोड़ा-बहुत साफ किया गया था, अभियान थमते ही उनका फिर पहले जैसा हाल हो गया।
यह था चार दिन का अभियान
पहले दिन: रेलवे स्टेशन से लेकर चौकी चौराहे तक
दूसरे दिन: चौकी चौराहे से नॉवल्टी चौराहे तक
तीसरे दिन: नॉवल्टी से कुतुबखाना चौराहे तक
चौथे दिन: गांधी उद्यान से लेकर शहामतगंज चौकी तक
67 जगह से कब्जे हटाने का दावा
नगर निगम ने शहर के 244 जगहों को अतिक्रमण हटाने के लिए चिन्हित किया था। इनमें से केवल 67 स्थानों पर ही अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। बाकी स्थानों से कब्जे नहीं हटाए जा सके। नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह ने बताया निकाय चुनावों के बाद जुलाई में इन चिन्हित स्थानों पर भी अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा।
आज सुभाषनगर में हटाए जाएंगे कब्जे
उप नगर आयुक्त डीके सिन्हा ने बताया कि सुभाषनगर में शनिवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा। यह कार्रवाई सिटी मजिस्ट्रेट से बातचीत के बाद की जा रही है। शहर में बाकी स्थानों पर चिन्हित अतिक्रमण को हटाने में फोर्स की अनुपलब्धता की समस्या सामने आ रही है। सिटी मजिस्ट्रेट शीलधर यादव ने बताया कि निकाय चुनाव की वजह से अभी हमें अभियान के लिए फोर्स नहीं मिल पा रहा है। इस अभियान को चुनाव बाद शुरू कर दिया जाएगा।