बरेल्री। नगर निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने को लेकर चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग दस्तावेज जुटाने में लग गए हैं। उन्हें नगर निगम प्रशासन से इस बात की एनओसी लेनी पड़ रही है कि उन्होंने गृहकर, जल और सीवर कर के बकाए का पूरा भुगतान कर दिया है। ऐसे मेें चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को बकाया एक-एक पाई का भुगतान करना पड़ रहा है। तमाम ऐसे लोग भी नगर निगम में करों के भुगतान का अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने आ रहे हैं, जिन्होंने विगत कई सालों से इसका भुगतान नहीं किया है।
सबसे अधिक दिक्कत उन संभावित प्रत्याशियों के सामने आ रही है, जो बतौर किराएदार निवास कर रहे हैं। इनमें से कई लोगों के मकान मालिकों ने लंबे समय से कर राशि का भुगतान नहीं किया है। मकान मालिकों का तर्क है कि उन्हें नगर निगम की ओर से कोई नोटिस ही नहंीं मिला है। ऐसे में उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि भला कितने कर का भुगतान और कब करना है? इन परिस्थितियों में संभावित प्रत्याशियों को खुद ही नगर निगम में जाकर गृह, जल और सीवर कर की रसीद हासिल कर भुगतान कराना पड़ रहा है। उन्हेें इस बात का डर भी सता रहा है कि यदि एनओसी नहीं मिल पाई तो चुनाव लड़ना मुश्किल हो जाएगा। मंगलवार की दोपहर कटरा चांद खां और राजेंद्र नगर के रहने वाले एक-एक व्यक्ति अपने मकान मालिक का बकाया अदा करने आए तो उन्होंने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि हर हाल में चुनाव लड़ना है, इसलिए ऐसा कर रहे हैं। 10-15 हजार के बकाया के लिए चुनाव लड़ने से वंचित नहीं रहा जा सकता।
प्रत्याशियों से मांगे जा रहे शपथ पत्र
नगर निगम में एनओसी लेने आए संभावित प्रत्याशियों की मानें तो बकाए का भुगतान किए जाने के बावजूद उनसे इस बात का शपथ पत्र लिया जा रहा है कि कर मद में कुछ भी बकाया नहीं है। कुछ प्रत्याशियों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि जब टैक्स जमा कर दिया तो भला शपथ पत्र का क्या औचित्य है।
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...निगम अधिकारी-कर्मचारी बदल रहे भवनों के नंबर !
सूत्रों की मानें गृहकर विभाग की ओर से जारी होने वाली एनओसी को लेकर घालमेल भी किया जा रहा है। जिन संभावित प्रत्याशियों पर बकाया राशि बहुत ज्यादा है। उन्हें तत्काल ज्यादा भुगतान न करना पड़े, इसके लिए स्वत: कर प्रणाली का फार्र्म भरवाकर नए सिरे से भवनों को नंबर दिया जा रहा है। कई कमरों वाले मकानों मेें एक या दो कमरे दर्शाकर कर राशि को बेहद कम करके उसका भुगतान लिया जा रहा है। ऐसा करने के एवज में कुछ घालमेल भी हो रहा है।
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चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को एनओसी के लिए दिक्कतें न हो, इसके लिए कंप्यूटराइज्ड नए बिल निकालकर दिए जा रहे हैं। हां, यह सही है कि कई भवन स्वामियों को गृहकर का बिल नहीं मिला है। लेकिन इस वजह से संभावित प्रत्याशियों को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।-डीके सिन्हा, सहायक नगर आयुक्त