बरेली। मायके न भेजने से नाराज एक महिला ने आग लगाकर जान दे दी। घटना के वक्त पति और बड़ा बेटा काम पर गए थे। शोर सुनकर पड़ोसियों ने आग बुझाई लेकिन तब तक महिला गंभीर रूप से झुलस चुकी थी। जिला अस्पताल ले जानेे पर उसने दम तोड़ दिया।
कैंट के गांव उमरिया निवासी धर्मपाल बड़ी विहार बीडीए कॉलोनी में रहकर मजदूरी करते हैं। उनकी पत्नी 35 वर्षीय पूरनदेई की मां बिसना देवी कुछ दिनों से बीमार हैं। पूरनदेई कई दिनों से उन्हें देखने अहलादपुर जाने को कह रही थीं, लेकिन धर्मपाल टाल रहे थे। इसे लेकर दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ। बृहस्पतिवार सुबह भी इस बात पर दोनों में झगड़ा हुआ। इसके बाद धर्मपाल बड़े बेटेे बबलू के साथ काम पर निकल गए। दोपहर करीब 12 बजे घर के बाहर खेल रहे धर्मपाल के बेटे अजय और राजेश ने धुआं उठते देख घर के अंदर जाकर देखा तो पूरनदेई आग की लपटों से घिरी थीं। उनके शोर मचानेे पर पड़ोसियों ने आग बुझाई। पड़ोसी विशन पूरनदेई को जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर इज्जतनगर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। अस्पताल में सीओ सिटी राजकुमार और एसओ इज्जतनगर सहरोज अनवर खां ने पूरनदेई के भाइयों और बेटों से घटना के बावत पूछताछ की। धर्मपाल पुलिस कार्रवाई के डर से फरार है।
हत्या के मामले में जेल जा चुके हैं धर्मपाल, पूरनदेई
एसओ सहरोज अनवर खां ने बताया कि धर्मपाल, उनकी पत्नी पूरन देई और बड़ा बेटा बबलू 27 जनवरी, 2010 को हुई रिक्शा चालक सेवाराम की हत्या के मामले में जेल भी जा चुके हैं। तब धर्मपाल परिवार के साथ सैनिक विहार कॉलोनी में रहता था। जमानत पर रिहा होने के बाद वह परिवार के साथ बड़ी विहार में रहने लगा।