बरेली। जिले के विभिन्न इलाकों में यदि आने वाले महीनों में बिजली के बजाए सूरज की रोशनी से संचालित होने वाले ट्यूवबेलों से खेतों की सिंचाई होते दिख जाए तो ताज्जुब नहीं। नेडा के तहत अब जिले के कई इलाकों में सोलर लाइट की तर्ज पर सोलर पंप स्थापित किए जाएंगे। इन पंपों के जरिए जहां खेतों की सिंचाई की जाएगी वहीं, घरों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा सकेगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए शासन ने इस संबंध में नेडा अधिकारियों से भूगर्भ जल की स्थिति समेत कई जानकारियां मांगी हैं।
गौरतलब है कि देश में तेजी से खत्म हो रहे ऊर्जा के स्रोतों को लेकर सरकार खासा चिंतित है। सरकार की ओर से ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल के लिए तमाम पहलुुओं पर विचार किया जा रहा है। वैकल्पिक ऊर्जा में सोलर एनर्जी सबसे बड़ा स्रोत माना जा रहा है। सोलर एनर्जी का देश में बेहतर इस्तेमाल भी किया जा रहा है। केंद्र की ओर से नेडा के माध्यम से गांवों को सोलर लाइटों से जगमग किया जा रहा है। लेकिन अब सरकार सोलर लाइट की तर्ज पर सोलर पंप संचालित करने की योजना पर काम कर रही है। नेडा के परियोजना अधिकारी मोहम्मद जावेद खान ने बताया कि सोलर लाइट की तर्ज पर अब जिले के तमाम इलाकों में सोलर पंप संचालित किए जाएंगे। योजना के क्रियान्यवन के लिए शासन स्तर से भूगर्भ जल की स्थिति की जानकारी के साथ कई अन्य जानकारियां मांगी गई हैं। परियोजना अधिकारी मोहम्मद जावेद खान के मुताबिक योजना के पूरी तरह लागू होने के बाद न सिर्फ खेतों की सिंचाई की जा सकेगी वरन घरों में पेयजल आपूर्ति भी सुनिश्चित कराई जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि नेडा के माध्यम से जिले के कई गांवों को सोलर लाइटों से आच्छादित किया जा रहा है।