बरेली। विकास प्राधिकरण केे सीमा क्षेत्र में अब बगैर ले-आउट पास कराए किसी भी सूरत में कॉलोनियां विकसित नहीं की जा सकेंगी। जो कॉलोनियां अनाधिकृत तरीके से विकसित हो चुकी हैं, उनका भी जल्द ही ले-आउट पास कराना होगा। लोगों को भी अपने आवासीय और व्यावसायिक भवनों के मानचित्र स्वीकृत कराने होंगे। यह फैसले बृहस्पतिवार को बरेली विकास प्राधिकरण के सभागार में अफसरों और कोलोनाइजर्स की बैठक में लिए गए।
बीडीए उपाध्यक्ष राजमणि यादव ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि शहर और आसपास के इलाकों में बिना ले-आउट स्वीकृत कराए तमाम कॉलोनियों का निर्माण कर लिया गया है। भवन स्वामियों ने भी न तो भवनों के मानचित्र स्वीकृत कराए हैं और न ही आंतरिक तथा बाह्य विकास शुल्क जमा किया है। इससे प्राधिकरण को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। लंबी बहस के बाद यह तय किया गया कि अनाधिकृत कॉलोनियों के कोलोनाइजर्स और बिल्डर्स को हरहाल में ले-आउट पास कराना ही होगा। आगे बगैर ले-आउट स्वीकृत कराए किसी भी नई कॉलोनी को विकसित नहीं किया जाएगा।
बीडीए उपाध्यक्ष राजमणि यादव ने कहा कि यदि कॉलोनियों का ले-आउट स्वीकृत कराने के साथ आंतरिक और बाह्य विकास शुल्क जमा करा दिया जाए तो कॉलोनियों को अत्याधुनिक तरीके से विकसित करने के साथ ही भवन स्वामियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकती हैं।
कॉलोनियों के लिए अलग खाता खुलेगा
बीडीए उपाध्यक्ष राजमणि यादव ने कहा कि ले-आउट स्वीकृत होने के बाद बैंकों में कॉलोनीवार खाते खोले जाएंगे। कोलोनाइजर्स और बिल्डर्स जो विकास शुल्क जमा करेंगे, उसका उपयोग उसी कॉलोनी में सड़कों, नाले-नालियों, स्ट्रीट लाइट और जलापूर्ति जैसी सुुविधाओं पर किया जाएगा।
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197 अनाधिकृत कॉलोनियां चिह्नत
विकास प्राधिकरण के दस्तावेजों में 197 कॉलोनियां अनाधिकृत दशाई गई हैं। प्राधिकरण प्रशासन की ओर से इन कॉलोनियों को विनियमित करने की कई बार पहल की गई लेकिन विनियमित नहीं किया जा सका। कॉलोनियों के विनियमित न होने से जहां प्राधिकरण अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं वहीं प्राधिकरण को करोड़ों रुपये का नुकसान भी हुआ है।
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जब कॉलोनी बन रही थी तब कहां थे अफसर
सवाल उठता है कि शहर में 197 अनाधिकृत कॉलोनियों का निर्माण हो गया। उनमें लोगों ने आवासीय और व्यावसायिक भवनों का निर्माण भी करा लिया लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर सके। जब अनाधिकृत तरीके से कॉलोनियोें का निर्माण हो रहा था तब अफसर कहां थे। इसे लेकर बीडीए अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है।
अनाधिकृत कॉलोनियों का किसी भी सूरत में वियिमितीकरण कराया जाएगा, ताकि कॉलोनी के लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही प्राधिकरण की आय बढ़ाई जा सके। इसमेें कोताही बरतने वाले कोलोनाइजर्स, बिल्डर्स और बीडीए के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।-राजमणि यादव, उपाध्यक्ष बीडीए