बरेली। उन तमाम लोगों को राहत मिलने का रास्ता साफ हो गया है जो बीडीए से नक्शा मंजूर न होने की वजह आवासीय या व्यावसायिक भवन नहीं बनवा पा रहे थे। अब न उन्हें अग्निशमन, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के दफ्तरों में एनओसी के लिए ज्यादा दिन चक्कर काटने होंगे, न बीडीए इस वजह से उनके नक्शों को लटकाए रख पाएगा। कमिश्नर ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिया कि इन विभागों के दस दिन के अंदर ऐसे आवेदनों पर एनओसी जारी करनी होगी।
बीडीए से किसी भी इमारत का नक्शा मंजूर करना तो मुश्किल है ही, लेकिन इससे पहले उसके लिए नगर निगम, अग्निशमन और लोक निर्माण जैसे विभागों की एनओसी लेना और भी ज्यादा मुश्किल है। अभी तक इन विभागों में न तो एनओसी देने के लिए कोई मियाद तय थी, न ही आपत्तियों के निस्तारण की। नतीजा यह कि बीडीए में ऐसे नक्शों की तादाद हजारों में है, जिन्हें इन महकमों की एनओसी न मिलने की वजह मंजूरी नहीं मिल पाई है। खुद बीडीए को भी इस वजह से हर साल लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था। कमिश्नर के राममोहन राव की पहल के बाद भवनों के नक्शे के लिए आवेदन करने वाले लोगों की दिक्कतें आसान हो गई हैं।
मंगलवार को कमिश्नरी के सभागार में बुलाई गई बैठक में कमिश्नर ने इन सभी महकमों के अफसरों की बैठक में लंबे समय तक एनओसी जारी न करने की वजह पूछी तो उन्हें कोई जवाब देते न बना। कमिश्नर ने इसके बाद निर्देश दिया कि हर महकमे को दस दिनों के अंदर किसी भी सूरत में एनओसी जारी करनी होगी। यह भी कहा कि अगर किसी प्रकरण में कोई विवाद की स्थिति है तो आवेदन को लटकाए रखने के बजाय उसे निरस्त कर दिया जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि बगैर किसी ठोस वजह के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। बैठक में बीडीए उपाध्यक्ष राजमणि यादव , मुख्य नगर नियोजक महावीर सैनी समेत कई और विभागोें के अधिकारी मौजूद थे।