बरेली। शहर की सड़काें को अतिक्रमण मुक्त करने व शहरियों को बेहतर यातायात सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर डीएम के आदेश पर चलाया जा रहा अतिक्रमण विरोधी अभियान महज औपचारिकता बन कर रह गया है। अतिक्रमण विरोधी मुहिम के नाम पर अधिकारी खानापूर्ति कर रहे हैं। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सोमवार को भी गांधी उद्यान से लेकर मानसिक चिकित्सालय तक अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। लेकिन अभियान के दौरान महज दो होर्डिंग्स तोड़कर अभियान को रोक दिया गया। अतिक्रमण दस्त में शामिल अधिकारियों ने बताया कि बुलडोजर नहीं होने की वजह से अभियान देर से शुरू किया गया और खास कार्रवाई नहीं की जा सकी।
गौरतलब है कि डीएम के आदेश पर पूरे शहर में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। अतिक्रमण विरोधी दस्ता अब तक स्टेशन रोड से लेकर चौकी चौराहा, अयूब खां चौराहा, कुतुबखाना में अभियान चला चुका है। लेकिन अभी तक महज होर्डिंग्स व बैनर तोड़ने तक ही अभियान सीमित रहा है। अतिक्रमण अभियान को लेकर कब्जेदारों में जो खौफ दिखना चाहिए वह नहीं दिखाई दे रहा है। मुहिम सोमवार को भी चलाई गई। अतिक्रमण विरोधी अभियान की शुरुआत गांधी उद्यान से हुई जो मानसिक चिकित्सालय तक जारी रही। दिलचस्प पहलू यह रहा कि इस दौरान महज दो होर्डिंग्स्र उखाड़े गए। बुलडोजर उपलब्ध न होने की वजह से अतिक्रमण दस्ते मेें शामिल कर्मचारियों को हाथ से ही होर्डिंग्स व बैनर उखाड़ने पड़े। एक घंटे की कार्रवाई के बाद अभियान को रोक दिया गया।