बरेली। गेेहूं खरीद में भंडारण को लेकर आ रही दिक्कतोें के मद्देनजर अब प्रशासन ने निजी गोदामाें का अधिग्रहण शुरू कर दिया है। खाद्य आयुक्त के आदेश पर बरेली व शाहजहांपुर के जिलाधिकारियों ने निजी गोदामों का अधिग्रहण भी शुरू कर दिया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो बरेली जिले में ही नौ निजी गोदामों का अधिग्रहण किया गया है। गोदामों को किराए पर लेने की प्रक्रिया में किराए को लेकर पेंच फंसा था। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि गोदामों को सरकारी दरों पर अधिग्रहीत कर लिया गया है।
खाद्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य सरकार की ओर से इस बार आठ लाख तीन हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा रही है। निर्धारित लक्ष्य का साठ प्रतिशत गेहूं खरीदा भी जा चुका है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के सामने भंडारण की समस्या खड़ी हो गई है। विभाग के पास मौजूद 20 सरकारी गोदामों में पहले से ही छह लाख मीट्रिक टन गेहूं व चावल भरा पड़ा है। ऐसे में खरीदे जा रहे गेहूं का भंडारण कहां किया जाए? यह बड़ी समस्या है। आरएमओ रवि कुमार का कहना है कि खाद्य आयुक्त के आदेश पर डीएम के माध्यम से 15 निजी गोदामाें का अधिग्रहण कराया गया है। हालांकि किराए को लेकर पेंच फंसा था। गोदाम मालिक छह रुपये प्रतिवर्ग फिट की मांग कर रहे थे लेकिन गोदामाें को दो रुपये की सरकारी दर पर जबरन अधिग्रहीत कर लिया गया। आरएमओ का कहना है कि इन गोदामों का निर्माण नाबार्ड की ओर से मुहैया कराई गई आर्थिक सहायता पर किया गया है जिसमें गोदाम संचालकों को भारी छूट भी दी गई है।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से गेहूं खरीद का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसमें से तकरीबन पांच लाख मीट्रिक टन गेेहूं का भंडारण कर लिया जाएगा इसके बावजूद तीन लाख मीट्रिक टन गेहूं के भंडारण की व्यवस्था करनी होगी। इस संबंध में आला विभागीय अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।