बरेली। पीलीभीत बाईपास रोड पर यातायात को सुगम बनाने के लिए हाल ही में पचास लाख रुपये खर्च किया गया। लेकिन, अवैध कब्जेदारों की वजह से यातायात सुगम होने की बजाय और भी दिक्कत भरा हो गया। डिवाइडर के दोनों ओर दस-दस मीटर चौड़ी सड़क है, मगर करीब सात-सात मीटर सड़क ठेले वालों, ट्रक और टैक्सी चलाने वालों ने कब्जा ली है। यहां पूरे समय बेंचें और कुर्सियां डालकर ट्रैफिक पुलिस वाले बैठे रहते हैं, मगर अपने तुच्छ स्वार्थों के चलते अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते। नतीजा, अक्सर हादसों के तौर पर सामने आ रहा है।
पीलीभीत बाईपास रोड पर सीएनजी पंप है। यहां ईंधन लेने के लिए आने वाले ऑटो रिक्शों से अक्सर जाम लग जाता था। इस मुसीबत से छुटकारा दिलाने के लिए सेटेलाइट टी प्वाइंट से 225 मीटर आगे तक सड़क को 14 मीटर चौड़ा करके सर्विस लेन बनाई गई। इस पर अवस्थापना निधि का 50 लाख रुपये खर्च किया गया। ईंधन के लिए आने वाले ऑटो रिक्शा तो सर्विस लेन के भीतर खड़े होने लगे, लेकिन सर्विस लेन और डिवाइडर के बीच की सड़क के बड़े हिस्से में ठेले और खोखे वाले काबिज हो गए हैं। रविवार को सर्विस लेन के किनारे-किनारे मुख्य सड़क पर 48 खोखे और ठेले लगे थे। गन्ने का जूस निकालने के लिए कोल्हू तक यहां लगा दिए गए हैं। इसके अलावा यहां टैक्सी और डग्गामार बसें भी खड़ी रहती हैं। रात में इनकी संख्या और भी बढ़ जाती है।
पिछले दिनों रोडवेज के अफसरों के सख्ती करने पर पुलिस वालों ने सेटेलाइट बस स्टेशन के सामने लगने वाले ठेलों को हटा दिया था। ठेले वाले इस तरफ से तो हट गए, मगर डिवाइडर के पार दूसरी तरफ खड़े होने लगे। अब हाल यह है कि दोनों तरफ इनके कब्जे का एक सा हाल हो गया है। डिवाइडर के दोनों ओर सात-सात मीटर सड़क अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चली गई है। मतलब, इधर से आने जाने वालों के लिए सिंगल लेन ही बच रही है।
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शाहजहांपुर रोड पर संडे मार्केट बना मुसीबत
हर इतवार को ईसाइयों की पुलिया से मालियों की पुलिया तक डिवाइडर के एक तरफ फड़ वाले काबिज हो जाते हैं। इस बार भी उन्होंने तीन मीटर से ज्यादा चौड़ी रोड घेर ली। लोगों के निकलने के लिए सिंगल लेन भी मुश्किल से बची। प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने एक आध बार तो इनके खिलाफ कार्रवाई की। और, अब चुप होकर बैठ गए हैं।
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बरेली कॉलेज गेट के सामने टेंपो वालों ने बनाया अड्डा
बरेली कॉलेज गेट के सामने तकरीबन तीस लाख रुपये खर्च करके चौराहे का सुंदरीकरण किया गया था। लेकिन, यहां मंदिर के ठीक सामने वाली सड़क को टेंपो स्टैंड बना दिया गया है। जिस समय कॉलेज से एक साथ विद्यार्थी निकलते हैं, यहां जाम के मारे बुरा हाल हो जाता है। आसपास का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।
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थाना इंचार्जों ने भी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा
पिछले दिनों शासन ने आदेश दिया था कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण होने से रोकना थाने के इंचार्ज की जिम्मेदारी है। अगर इसमें वह नाकामयाब होता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन, स्थानीय पुलिस ने उस आदेश को भुला दिया है। इसकी वजह साफ है-पटरियों का इस्तेमाल करने वालों से हर महीने होने वाली उगाही।