बरेली। असंयमित जीवनशैली ने लोेगों में हाइपरटेंशन को बढ़ा दिया है। हर साल ब्रेन हैमरेज से होने वाली 57 प्रतिशत मौतें हाइपर टेंशन की वजह से होती हैं। यह जानकारी आईएमए के अध्यक्ष डॉ. अंशु अग्रवाल ने दी। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि डायबिटीज के 60 प्रतिशत मरीजों को हाइपर टेंशन पाया जाता है। हाइपर टेंशन से किडनी खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। दिल के दौरे में 24 प्रतिशत मृत्यु हाइपर टेंशन की वजह से होती है।
आईएमए में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिव डॉ. एमएम अग्रवाल ने कहा कि हाइपर टेंशन इस समय विश्व की सबसे घातक बीमारी है। इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। हाइपर टेंशन के बारे में शुरुआत में पता भी नहीं चलता है। हर साल दुनिया भर में अस्सी लाख लोग हाइपर टेंशन की वजह से अपनी जान गंवाते हैं। जबकि साउथ-ईस्ट एशिया में हर साल 15 लाख लोगों की मौत होती है। इसलिए संयमित जीवनशैली अपनाई जाए तो हाइपर टेंशन पर काबू पाया जा सकता है।
युवा हो रहे हैं हाइपर टेंशन का शिकार
सीनियर फिजिशियन डॉ. सुशोभित अग्रवाल ने बताया बरेली में हाइपर टेंशन का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। हर रोज हाइपर टेंशन के औसतन 300 नए मरीज आते हैं। सबसे चिंता वाली बात यह है कि इसमें 20-30 साल तक की उम्र वाले मरीजों की तादाद ज्यादा है। दरअसल, बदली हुई जीवनशैली ने हाइपर टेंशन को ज्यादा बढ़ा दिया है। देर रात सोना, कम्प्युटर, लैपटॉप पर घंटों बैठे रहना और शारीरिक श्रम नहीं करना आदि ऐसी वजहें हैं, जिससे युवा हाइपर टेंशन का शिकार हो रहे हैं।
आईएमए आज लगाएगा निशुल्क कैंप
आईएमए बुधवार को दो बजे से निशुल्क कैंप लगाएगा। इसमें ब्लड प्रेसर, ब्लड शुगर, दिल की जांच (ईसीजी), मोटापे की जांच, हड्डियों की जांच और फेफड़े की जांच की जाएगी। डॉ. अंशु अग्रवाल ने कहा कि मरीजों का पहले रजिस्ट्रेशन का समय दोपहर एक से दो बजे के बीच होगा। इसके बाद शाम पांच बजे तक कैंप चलेगा।