बरेली। नगर आयुक्त कार्यालय में हंगामा व तोड़फोड़ की घटना को लेकर निगम अधिकारियों की ओर से मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की अगुवाई में भाजपाई बुधवार को कमिश्नर से मिले और प्रकरण से अवगत कराते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने इस बात की भी चेतावनी दी कि यदि दर्ज कराया मुकदमा शीघ्र वापस न किया गया तो उग्र आंदोलन भी शुरू किया जा सकता है जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
प्रतिनिधिमंडल की अगुुवाई कर रहे राष्ट्रीय सचिव संतोष गंगवार ने कहा कि नगर निगम स्वयं में समस्याओं का अंबार बन गया है। पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता इन्हीं समस्याओं के निराकरण को लेकर नगर आयुक्त से मिलने गए थे। कार्यालय में कोई तोड़फोड़ नहीं की गई थी। इस बात को नगर आयुक्त ने पलिस के समक्ष स्वीकार भी किया लेेकिन अगले दिन नगर निगम अधिकारियों की ओर से पार्टी के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष व महामंत्री समेत पांच सौ कार्यकर्ताओं पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि मुकदमें को समाप्त न किया गया तो तमाम पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता गिरफ्तारी देने के साथ सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। शहर विधायक डा अरुण कुमार ने नगर निगम अधिकारियों पर पक्षपातपूर्ण रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। जन्म म़त्यु प्रमाणपत्राें समेत अन्य चीजाूें के लिए रिश्वत देनी पड़ रही है। विधायक डा अरुण कुमार ने कहा कि यदि मुकदमे को शीघ्र न समाप्त किया गया तो वह सर्वप्रथम गिरफ्तारी देंगे।
पार्टी के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष सुधीर जैन, महामंत्री पुष्पेंदु शर्मा समेत कई अन्य वक्ताओं ने कहा कि कमिश्नर को अवगत कराया कि दर्ज कराया गया मुकदमा झूठा है और इसे तत्काल समाप्त कराया जाना चाहिए यदि ऐसा न हूआ तो पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होेंगे। प्रतिनिधिमंडल में सभासद गुलशन आनंद, भारत भूषण शील, उमेश कठेरिया, अजय जेटली, डा सीपीएस चौहान, नरेश शर्मा बंटी, जिल्राध्यक्ष पूरणलाल लोधी, परेश मिश्रा, सुरेश राठौर, रमेश आनंद समेत कई भाजपाई शामिल थे।