बरेली। घोषित कटौती के अलावा रोजाना कई घंटे बिजली गुल रहने से नाराज व्यापारियों ने बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया। ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस की शक्ल में पहुंचे व्यापारियों ने अधीक्षण अभियंता (नगर) का उनके दफ्तर में घेराव कर लिया और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सप्ताह भर के अंदर हालात न सुधरे तो वे बिजली विभाग के अफसरों के खिलाफ नींद भगाओ आंदोलन शुरू कर देंगे।
बुधवार दोपहर व्यापारी उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महानगर महामंत्री राजेंद्र गुप्ता की अगुवाई में शहामतगंज चौराहे से मोटर साइकिलों पर जुलूस के रूप में रवाना हुए। साथ में ढोल-नगाड़े भी थे। व्यापारियों का यह जुलूस बरेली कॉलेज के सामने से गुजरता हुआ रामपुर बाग स्थित अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में पहुंचा। काफी देर व्यापारियों ने कार्यालय परिसर में ढोल-नगाड़े बजाकर प्रदर्शन किया और उसके बाद अधीक्षण अभियंता के दफ्तर के अंदर घुस गए। व्यापारियों ने अघोषित कटौती पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बिजली की वजह से न सिर्फ उनका कारोबार चौपट हो रहा है, बल्कि नींद और चैन भी दूभर हो गया है। रात को बिजली गुल रहने से अपराध अलग बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शेड्यूल के मुताबिक कटौती का वक्त सुबह 11 से शाम चार बजे तक का है, लेकिन फिर भी सुबह और शाम के दौरान कई घंटे बिजली गुल रहती है।
व्यापारियों ने मांग की कि सुबह दस से शाम आठ बजे तक शहर को कटौती से मुक्त रखा जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि स्थानीय स्तर पर कटौती करने की नौबत न आए। व्यापारियों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि किसी लाइन में फॉल्ट होने के बाद पूरे फीडर की ही सप्लाई बंद कर दी जाती है, जबकि सिर्फ उस लाइन को बंद करना चाहिए जिसमें फॉल्ट हुआ है। कुछ व्यापारियों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के कैंप के दौरान उनमें मौजूद गैरविभागीय कर्मचारी लोगों को धमकाकर अवैध वसूली करने की कोशिश करते हैं। बिल देखने के बहाने व्यापारियों और उनके घर वालों से अभद्रता की जाती है। उन्होंने एसई से राजेंद्र नगर और बिहारीपुर में खराब पड़ा ट्रांसफार्मर भी ठीक कराने की भी मांग की। व्यापारियों ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह में हालात न सुधरे तो वे रातों को खुद तो जागेंगे ही, बिजली अफसरों को भी जगाएंगे। अधीक्षण अभियंता अखिलेश गुप्ता ने व्यापारियों की ज्यादातर मांगों पर सहमति जताते हुए उन पर अमल कराने का आश्वासन दिया। यह भी तय हुआ कि महीने में दो बार व्यापारी उनके साथ बैठक करेंगे ताकि व्यापारियों को अनावश्यक दिक्कतों का सामना न करना पड़े। व्यापारी नेताओं में मुख्य रूप से संजीव चांदना, नवीन अग्रवाल, मनमोहन सब्बरवाल, दर्शन लाल भाटिया, राकेश बूबना, अमित अरोड़ा, सुदेश अग्रवाल, राजीव आदि शामिल रहे।