नैनीताल रोड के बीज भंडारण केंद्र में पांच दिन से किसानों को अनलोडिंग का इंतजार
सिटी रिपोर्टर
बरेली। डीएम और कमिश्नर अधिकारियों की हर बैठक में कह रहे हैं कि गेहूं खरीद में किसानों को कोई परेशानी न होने पाए। दलालों को खरीद केंद्रों से दूर रखा जाए। लेकिन शहर से पांच किलोमीटर दूर नैनीताल रोड पर डेढ़ किलोमीटर लंबी गेहूं से भरे ट्रक और ट्रैक्टर ट्रालियों की कतार देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंडल और जिले के इन अधिकारियों की बात को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। यहां भी हाल बदायूं की मंडी समिति जैसा ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां के किसान धैर्य से काम ले रहे हैं, लेकिन यही हाल रहा तो यहां भी कभी भी बड़ा विवाद हो सकता है।
पांच-पांच दिन से किसान अपने गेहूं की अनलोडिंग का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्थानीय खरीद केंद्र पर बिचौलिए हावी हैं। कुछ ऐसा ही हाल आंवला, फरीदपुर और परसाखेड़ा स्थित एफसीआई के खरीद केंद्रों पर भी है। वहां भी अनलोडिंग समय से नहीं होने से दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं।
ट्रकों और ट्रैक्टर ट्रालियों में गेहूं लेकर दूर-दूर से पहुंचे किसानों में से कोई दो दिन तो कोई पांच दिन से वहां पर अनलोडिंग का इंतजार कर रहा है। किसान सतनाम सिंह ने बताया कि तीन दिन से यहां गेहूं की अनलोडिंग के लिए खड़े हैं। मगर यहां दबंग और दलालों का कब्जा है। अगर 40 ट्रक खाली हो रहे हैं तो उसमें 10 ट्रक दबंगों और दलालों के खाली करवाए जाते हैं। महबूब खान पांच दिन से ट्रक खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। उनके साथ आए इलियास भी इसी इंतजार में हैं। पूरनपुर से आए हैं और पांच दिन से यहीं पड़े हैं। आंवला, फरीदपुर, परसाखेड़ा आदि क्षेत्रों में खरीद केंद्रों पर हो रही खरीद का भी यही हाल है।
‘मैं कल ही इसे देखता हूं, वहां किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं होने दी जाएगी। किसानों की शिकायत का भी ध्यान रखा जाएगा।’ - मनीष चौहान, डीएम
इनसेट में
बोरों की कमी से प्रभावित नहीं होगी गेहूं खरीद
डीएम ने सोमवार को गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारियों की बैठक में साफ कहा था कि बोरों की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया था कि जिले के भंडार गृहों में अभी भी अस्सी मीट्रिक टन गेहूं स्टोर करने की जगह बची हुई है। इसके बावजूद जहां भी निजी गोदाम हैं, उन्हें किराए पर लिया जा रहा है। क्रय केंद्र प्रभारियों की बैठक में डीएम ने बोरों की कमी पड़ने पर उन केंद्रों से बोरे लेने का निर्देश दिया, जहां बोरे ज्यादा हों। किसानों को समय से पेमेंट करने को भी कहा था।