बड़ी मुश्किल से नगर आयुक्त दफ्तर से बाहर लाए कार्यकर्ताओं को
बरेली। नगर आयुक्त के दफ्तर में मेज पर एक के बाद एक मटके फोड़ने और पानी उड़ेलने से प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भाजपा नेता भी भौचक्के रह गए। उनके दखल देने तक मटके तो फूट चुके थे, मगर पानी की बोतल को उन्होंने बीच में ही छीन लिया। इससे उग्र हुए कर्मचारियों और इंजीनियरों को भाजपा के एक-दो नेताओं ने बड़ी ही शाइस्तगी से समझाया, वरना नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी। धरने के दौरान भाजपाइयों ने जरूरी सुविधाओं के लिए लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया।
हंगामे के बाद भाजपा के निवर्तमान महामंत्री ने इसे कार्यकर्ताओं की गलती मानते हुए अफसरों से माफी मांगी। कहा, ‘कार्यकर्ताओं के इस व्यवहार के लिए हम शर्मिंदा हैं। जिम्मेदारी नेतृत्व की ही होती है। इसलिए माफी मांगते हैं।’ इसके बाद कर्मचारी नेता जयपाल सिंह पटेल बोले कि इस माहौल में अफसर ज्ञापन लेने धरनास्थल पर नहीं जा सकते। इस पर निवर्तमान महामंत्री पुष्पेंदु शर्मा ने कहा, ‘माफी के बाद तो फांसी ही सजा बचती है, अब आप लोगों की जो इच्छा है।’ इस पर सिटी मजिस्ट्रेट धरनास्थल पर जाकर ज्ञापन लेने को तैयार हो गए। नगर आयुक्त भी उनके साथ आए।
ज्ञापन देते समय महानगर अध्यक्ष सुधीर जैन ने कहा कि पिछले पांच बरसों में नगर निगम जनसमस्याओं को दूर करने में नाकामयाब रहा है। दूषित पेयजल, खराब सड़कें, जर्जर सीवर लाइन और चोक नाले ही हर तरफ दिखाई दे रहे हैं, जो मानसून आने पर शहरियों के लिए एक बार फिर मुसीबत बनेंगे। कमोबेश यही बातें अफसरों के ज्ञापन लेने के लिए आने से पहले धरनास्थल पर तमाम नेताओं ने कहीं। ज्ञापन देने के बाद भाजपाई वहां से चले गए। प्रदर्शन करने वालों में पूर्व मंत्री डॉ. दिनेश जौहरी, पूर्व महानगर अध्यक्ष केवल कृष्ण, रमेश आनंद, डॉ. सीपीएस चौहान, डॉ. केएम अरोरा, अजय जेटली, हरिओम राठौर, उमेश कठेरिया, नरेश शर्मा बंटी आदि शामिल रहे।
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डीके सिन्हा के साथ धक्कामुक्की
दफ्तर की मेज पर गंदा पानी उड़ेले जाने के बाद नगर आयुक्त वहां से उठकर चले गए। लेकिन, उप नगर आयुक्त डीके सिन्हा वहीं मौजूद रहे। वहां भाजपा नेता अजय जेटली की उनसे नोकझोंक हुई। इस दौरान उनके साथ कुछ लोगों ने धक्कामुक्की भी की। कर्मचारियों के आ जाने से स्थिति संभली।
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नगर आयुक्त से कुछ सवाल
सवाल : भाजपाइयों के आंदोलन के तरीके पर ऐतराज हो सकता है, लेकिन पेयजल संकट से कोई इनकार नहीं कर सकता। इस सुधारने के लिए क्या करेंगे?
जवाब : ऐसा नहीं हैं। मुझसे पहले रहे अफसर नाकाबिल नहीं थे। उन्हें काम कराए ही हैं। पेयजल आपूर्ति भी ठीक-ठाक बताई जा रही है।
सवाल : यह सच नहीं है। ख्वाजा कुतुब, मलूकपुर, बमनपुरी, बिहारीपुर और उससे लगे इलाकों में जबरदस्त पेयजल संकट है। ज्यादातर इंडिया मार्का नल भी खराब हैं?
जवाब : नगर आयुक्त के जवाब देने से पहले ही वहां मौजूद जलकल विभाग के प्रभारी जीएम आरवी राजपूत बोल पड़ते हैं, हमारे ज्यादातर नल सही हैं। इस पर संवाददाता को उनसे कहना पड़ता है कि हमने अपने अखबार में खराब नलों की फेहरिस्त सोमवार को ही छापी है। क्या उन्हें आपने चेक कर लिया है। ...फिर नगर आयुक्त कहते हैं : खराब हैंडपंप चेक करवाए जाएंगे। पेयजल समस्या दूर करवाने के लिए आज ही कर्मचारियों और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दूंगा।
सवाल : हंगामा करने वाले भाजपाइयों पर कोई कार्रवाई करने की सोच रहे हैं?
जवाब : उनके नेता माफी मांग चुके हैं। इसलिए कार्रवाई नहीं करना चाहता। अभी तो आए हुए दो-तीन दिन ही हुए हैं। समस्याएं समझने का प्रयास कर रहा हूं।
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नगर आयुक्त ने सुरक्षा मांगी
नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह ने एसएसपी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि निकाय चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों के लोग प्रदर्शन करने के लिए लगातार आ रहे हैं। इससे अफसरों और कर्मचारियों को दिक्कत न हो, इसके लिए जरूरी है कि निगम परिसर में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया जाए।
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पेयजल आपूर्ति और सफाई के लिए निर्देश जारी
नगर आयुक्त ने सभी पंप ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे पूरे समय पंप पर मौजूद रहें, ताकि ओवरहेड टैंक भरे जा सकें। अगर कोई ऑपरेटर अपनी ड्यूटी के समय इधर-उधर जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी कारण से छुट्टी लेने पर इसकी पूर्व सूचना अफसरों की दी जाए। सभी अवर अभियंता (जल) से यह कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ओवरहेड टैंक ढंग से भर गए हों। इसके साथ ही सभी सफाई निरीक्षकों को भी सफाई व्यवस्था चाक चौबंद रखने को कहा गया है।
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कर्मचारी संघ ने की निंदा
कर्मचारी नेता ठाकुर मिशन पाल सिंह एमएनए दफ्तर में भाजपाइयों के हंगामे की निंदा की है। कहा, अगर कर्मचारी नहीं होते तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश ऋषिवाल ने कहा कि अगर इस तरह की हरकतें नहीं रुकीं तो कर्मचारी भी सफाई व्यवस्था ठप कर देंगे। उन्होंने गेट पर एक गार्ड की ड्यूटी लगाने की मांग की, ताकि हंगामा करने वाले अंदर न आ सकें।