तड़पती रही गर्भवती महिला
साथ आई मौसी से कार्रवाई को मांगा प्रार्थना पत्र, नहीं मिलने दिया एसएसपी से
दहेज में मिली बाइक को अपने नाम कराने को लेकर जेठ ने दंपति को पीटा था
सिटी रिपोर्टर
बरेली। तपती धूप... समय दो बजे... स्थान पुलिस आफिस परिसर... एक गर्भवती महिला अपनी मां की गोद में सिर रख कर दर्द से कराह रही थी। आसपास मौजूद कई पुलिस अधिकारी महिला को देख रहे थे मगर कोई मदद के लिए आगे नहीं आ रहा था। साथ में आई महिला की मौसी एसएसपी से मिलने के लिए आफिस की तरफ गईं तो उन्हें प्रार्थना पत्र लाने के लिए कहा गया। इन सब से अनजान मौसी भटकती रही और किसी तरह एक अधिवक्ता के पास प्रार्थना पत्र लिखवाने गई। काफी देर बाद महिला थानाध्यक्ष पहुंचीं तो पीड़ित महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पीलीभीत के हैदरगंज निवासी चोखेलाल की पुत्री सुनीता की शादी हाफिजगंज के नवदिया बमनपुरी गांव निवासी मिंटू पुत्र स्व. प्यारेलाल से हुई। दामाद को उन्होंने एक साल पहले हुई शादी में बाइक भी दी थी। मिंटू ने बताया कि बड़े भाई छेदालाल शादी में मिली बाइक को अपने नाम कराना चाहते हैं। आरोप है कि रविवार की रात शराब के नशे में बाइक को अपने नाम कराने को लेकर छेदालाल ने उन्हें जमकर पीटा। जान बचाकर मिंटू बाहर भागे तो गर्भवती पत्नी सुनीता को पीटा।
सुनीता के मुताबिक उनके पेट में करीब आठ माह का गर्भ है और पिटाई से उन्हें काफी दर्द हुआ। उन्होंने शोर मचाया तो आसपास के लोगों ने आकर उन्हें बचाया। जानकारी होने पर पुलिस छेदालाल और मिंटू को थाने ले आईं। सुनीता के मुताबिक पति का कोई दोष नहीं था फिर भी पुलिस उन्हें थाने ले गई। लौंगश्री के काफी कहने के बाद पुलिस ने मिंटू को सोमवार की सुबह छोड़ा। हाफिजगंज पुलिस ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तो सुनीता को लेकर मां और मौसी सोमवार की दोपहर करीब दो बजे एसएसपी आफिस पहुंचे। जबकि मिंटू उपचार के लिए जिला अस्पताल गए।
मौसी लौंगश्री ने बताया कि वह आफिस के सामने सुनीता को लिटाकर एसएसपी से मिलने गईं। बाहर मौजूद सिपाही ने उन्हें प्रार्थना पत्र लाने के लिए कहा और ‘साहब’ से मिलने नहीं दिया। काफी देर वह प्रार्थना पत्र लिखवाने के लिए अधिवक्ता के पास रहीं। इसी बीच महिला थानाध्यक्ष रजनी द्विवेदी ने गर्भवती सुनीता को उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया। बाद में मौसी भी अस्पताल पहुंच गई।
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उपचार में नहीं दिखाई कोई जल्दबाजी
दर्द से कराहती सुनीता मां की गोद में सिर रख कर पड़ी थी। कोतवाल राजा सिंह और एसएसपी पीआरओ संजय कुमार काफी देर देखते रहे लेकिन उपचार के लिए महिला को अस्पताल भेजने की व्यवस्था करने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई। पीड़ित महिला एसएसपी से भी नहीं मिल सकी और प्रार्थना पत्र आने से पहले ही वह अपनी अम्बेसडर कार में सवार होकर निकल गए। महिला एसआई कृष्णा थापा और नीलम शर्मा भी महिला और उनकी मां से पूछताछ करती रहीं मगर उपचार के लिए लेकर नहीं गईं।
एसएसपी पीआरओ ने की नोकझाेंक
पीड़ित महिला के मामले में वीडियो क्लीपिंग बनाते समय अचानक एसएसपी पीआरओ (पब्लिक रिलेशन आफिसर) संजय कुमार ने एक पत्रकार को रोक दिया। पत्रकार ने इसका कारण जानना चाहा तो वह भड़क गए। अन्य पत्रकारों ने उनके भड़कने पर आपत्ति जताई तो वह बहस करने लगे।
चिकित्सीय परीक्षण के बाद दर्ज होगा मुकदमा
एसओ हाफिजगंज रेहान खान ने बताया कि महिला का चिकित्सीय परीक्षण होने के बाद मामले में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। छेदालाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
समयवार घटनाक्रम
2:00 बजे - सुनीता अपनी मां और मौसी संग पुलिस आफिस पहुंची।
2:20 बजे - एक-दो पुलिस अधिकारियों ने मामला पूछा और चले गए।
2:30 बजे - मौसी प्रार्थना पत्र लिखवाने के लिए कचहरी की ओर गई।
2:40 बजे - कोतवाल ने सुनीता की मां से पूछताछ की।
2:50 बजे - दो महिला एसआई पीड़ित से पूछताछ करने में लगी रहीं।
3:00 बजे - एसएसपी अपनी कार में सवार होकर चले गए।
3:05 बजे - कोतवाल भी अपनी जीप में सवार होकर चले गए।
3:15 बजे - एसएसपी पीआरओ के कवरेज पर पत्रकारों से नोकझोंक।
3:20 बजे - महिला थानाध्यक्ष रजनी द्विवेदी अपनी जीप में सुनीता को ले गईं।
4:00 बजे - सुनीता को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
4:25 बजे - महिला चिकित्सक ने सुनीता का उपचार शुरू किया।