बाराबंकी। डेंगू का कहर जारी है। इस बुखार की चपेट में आकर शुक्रवार को दो और लोगों की मौत हो गई। जबकि पीड़ित पाए गए 26 लोगों को परिजनों ने अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया है। इस तरह से जिले में अब तक डेंगू से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। परन्तु विभाग सिर्फ उन्हीं को डेंगू मान रहा है जिनकी एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हो रही है। उधर डेंगू की दहशत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अस्पताल से लेकर पैथालॉजी तक मरीजों की लाइन लग रही है।
हैदरगढ़ प्रतिनिधि के अनुसार, क्षेत्र के गौतमनपुरवा मजरे रौनी गांव के कन्हैयालाल (38) की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक के भाई रामसजीवन ने बताया कि बुखार से पीड़ित होने पर चार दिन सीएचसी त्रिवेदीगंज पर दिखाया गया था। हालत बिगड़ने पर लखनऊ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहां पर चिकित्सकों द्वारा कराई गई जांच में डेंगू होने की जानकारी मिली। शुक्रवार को इलाज के दौरान मौत हुई है। इसके अलावा विकास भवन स्थित कृषि विभाग में तैनात कर्मचारी अभिषेक की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि हालत बिगड़ने पर लखनऊ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था वहां चिकित्सकों ने डेंगू होने की बात कही थी।
इसके अलावा कस्बा के मोहल्ला कुरैशी के सभासद अयूब कुरैशी, इनकी पत्नी समरजहां कुरैशी, मेराज राईन, हसीब राईन, नाजिमा इनकी पुत्री खुशबू, कलीम, घोसियाना के जहीर, रज्जाक, मो. वकील, कोठी के रफीक, बुढनापुर के अभय, रनापुर के राहुल शुक्ला समेत कई अन्य लोग डेंगू से पीड़ित होकर गोसाईगंज से लखनऊ तक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
इसके अलावा लखपेड़ाबाग के लक्ष्मणपुरी निवासी गौरी, राकेश, गिरधारी, महेश और बीजेमऊ के पवन सिंह, सेठमऊ खातून बानो समेत 26 लोग डेंगू और बुखार जैसे लक्षणों से पीड़ित हैं। जिन्हें परिजनों ने अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया है। सीएमओ डॉ. अवधेश कुमार का कहना है कि जांच के लिए टीमें भेजी जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
न फॉगिंग हो रही न ही दवा का छिड़काव
एसडीएम हैदरगढ सुमित महाजन ने कार्यभार संभालते ही नगर का भ्रमण कर सफाई व दवा का छिड़काव नियमित कराने के निर्देश दिए हैं लेकिन अधिशासी अधिकारी की लंबी छुट्टी व जिम्मेदार कर्मियों की लापरवाही से एक दिन बाद भी सुधार दिखाई नहीं दिया। सभासद अयूब ने बताया घोसियाना मोहल्ले में सभी परिवार बुखार से पीड़ित हैं। इनमें कई लोगों में डेंगू व मलेरिया की पुष्टि हुई है। इसके बाद भी न तो फॉगिंग कराई जा रही है और न ही छिड़काव कराया जा रहा है।