बांदा। चित्रकूटधाम मंडल में हरेक किसान को हर साल 6000 रुपये की प्रधानमंत्री सम्मान निधि दो वर्षों के बाद भी पूरी तरह से परवान नहीं चढ़ सकी। आवेदन में कई अड़ंगे या किसानों की बेरुखी दोनों ही कारण हो सकते हैं। बहरहाल मंडल में करीब सवा लाख किसान पात्रता की श्रेणी में आने के बाद भी फिलहाल इस सम्मान निधि से वंचित हैं। बांदा में तो साढ़े 39 हजार किसानों ने आवेदन ही नहीं किया। हमीरपुर में 51 हजार किसानों के आवेदन जांच में अटके हैं। इसी तरह चित्रकूट में 21 हजार और महोबा में 18 हजार किसान अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के सम्मान से महरूम हैं।
बांदा में पीएम किसान सम्मान निधि योजना (पीकेएसवाई) में 3 लाख 39 हजार 645 किसानों को पात्र माना गया है। इसमें सिर्फ 3 लाख 133 किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। शेष किसानों ने इससे किनारा कर रखा है। शायद उन्हें तमाम औपचारिकताओं और दौड़धूप के बाद साल में महज 6000 रुपये का सम्मान मंजूर नहीं है। या फिर आवेदन की औपचारिकताएं आड़े आ गई हैं। हमीरपुर में दो लाख 17 हजार किसान इस योजना में पंजीकृत और पात्र पाए गए हैं।
इनमें मात्र 1.66 लाख को ही निधि दी जा रही है। चित्रकूट में 1.65 लाख किसानों को पात्र पाया गया है। निधि सिर्फ 1.44 लाख को ही मिल रही है। लगभग 21 हजार वंचित हैं। महोबा में करीब डेढ़ लाख पात्र किसानों में 1.32 लाख को ही फिलहाल निधि पहुंच रही है। बांदा के कृषि विभाग के ताजे आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2011 के भू अभिलेखों में किसानों की संख्या 2 लाख 64 हजार 404 थी। जुलाई 2019 में संशोधित भूलेख में संख्या बढ़कर 3 लाख 74 हजार 878 हो गई।
विभाग ने बांदा के 3 लाख 39 हजार 645 किसानों को पात्र मानते हुए पंजीकरण कर लिया है। उनसे आवेदन लिए जा रहे हैं। पात्र किसानों में 39 हजार 512 ने आवेदन नहीं किया। यह सच्चाई कृषि विभाग के उप निदेशक ने 28 जनवरी को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में लिखित रूप से आंकड़ों में भी दर्शाई है। पंजीकृत किसानों में 2 लाख 85 हजार 958 किसानों का डाटा पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) को भुगतान के लिए भेजा गया है।
शेष 14 हजार 148 किसानों का डाटा कई स्तर पर फिल्टर प्रक्रिया में है। दो लाख 36 हजार 109 किसानों को नियमित रूप से पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। 7134 आधार कार्ड इनवैलिड हुए हैं, उन्हें संशोधन के लिए भेजा गया है। 4566 आवेदन सत्यापन के लिए लंबित हैं। इनके संशोधन की कार्रवाई गांव पंचायत स्तर पर की जा रही है।
सम्मान निधि में रोड़ा बने आधार कार्ड
इनवैलिड आधार-7134
आधार से नाम का मिसमैच-10,987
ओपन सोर्स से फीड डाटा का शेष सत्यापन-4566
आधार संशोधन अवशेष प्रकरण-22,687
आधार जरूरी, जोत सीमा खत्म
आधार कार्ड के बगैर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा। इसमें किसानों की जोत सीमा खत्म कर दी गई। शुरुआत में उन्हीं किसानों को शामिल किया गया था। जिनके पास दो हेक्टेयर या पांच एकड़ खेती योग्य जमीन हो, लेकिन केंद्र सरकार ने अब यह सीमा खत्म कर दी है।
तीन किस्तों में 6000 रुपये सालाना मदद
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पहली दिसंबर 2018 को लागू हुई थी। इसके तहत किसानों को तीन किस्तों में छह हजार रुपये सालाना मदद दी जाती है। यह पैसा किसान के खाते में भेजा जाता है। यानी हर चार माह में दो हजार रुपये मिलते हैं।
इनको नहीं मिलेगा निधि का लाभ
खेत उसके नाम न होकर पिता या दादा के नाम हो। दूसरे किसान की जमीन लेकर किराये पर खेती करता हो। संस्थागत भूमि धारक किसान परिवार में कोई संवैधानिक पद पर हो। राज्य या केंद्र सरकार के साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी अथवा कर्मचारी। डाक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, सीए, वकील। 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले पेंशन भोगी। इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले। म्युनिसिपल कारपोरेशन या जिला पंचायत में पदधारक। आवेदन में जानबूझकर गलत जानकारी देने वाले।
हमीरपुर में भी हजारों किसान निधि से वंचित
हमीरपुर। करीब 2 लाख 17 हजार किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पंजीकृत हैं। इन किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिलना चाहिए, मगर अभी तक कृषि विभाग एक लाख 66 हजार किसानों को सम्मान निधि दिला पाया, जबकि अभी तक एक लाख 84 हजार किसानों का डाटा फीडिंग तैयार कर चुका है। इसके बावजूद किसी न किसी नए नियम के चलते हजारों किसानों की सम्मान निधि रुक जाती है। दो माह पहले आई किसान सम्मान निधि की किस्त में 14 हजार किसानों की किस्त रुक गई। कुछ किसानों ने आधार कार्ड जमाकर खाते में केवाईसी कराई भी, फिर भी भुगतान नहीं हो सका।
सवा लाख से ज्यादा किसानों को मिल रही निधि
महोबा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ जिले के एक लाख 32 हजार किसानों को मिल रहा है। हालांकि, डाटा फीडिंग व आवेदन सुधार में मनमानी है। जिले के 3800 नए किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। फीडिंग के लिए पांच हजार से अधिक किसानों का डाटा शेष है, जबकि नौ हजार किसानों का डाटा सुधार के लिए लंबित है, जिससे किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उपकृषि निदेशक जीराम का कहना है कि किसानों के डाटा सुधार का काम तेज गति से चल रहा है। जल्द ही शेष किसानों का डाटा सही कराया जाएगा।
सम्मान निधि पाने के लिए लंबी लाइन
चित्रकूट। भले ही सरकारी आंकड़ों में किसान सम्मान निधि लगभग डेढ़ लाख किसानों को मिल रही, लेकिन पात्र किसानों की लंबी लाइन लगी है। आंकड़ों में ही अभी 21 हजार किसानों के कागजातों की जांच चल रही है। कृषि भवन में प्रतिदिन कागज लिए किसानों को भटकते देखा जाता है। जिला कृषि अधिकारी वसंत दुबे ने बताया कि जिले में एक लाख 44 हजार किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। 21 हजार किसानों के कागजातों में कुछ कमी से जांच कराई जा रही है। अब नए नियमों के अनुसार योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को बीमा व केसीसी योजना का भी लाभ लेने को प्रेरित किया गया है।
जालौन में 45 हजार किसान निधि से वंचित
उरई (जालौन)। जिले में एक लाख 75 हजार किसानों को सम्मानि निधि सीधे उनके खातों में भेजी जा रही है। कृषि उप निदेशक आर के तिवारी ने बताया कि तीन लाख किसानों ने योजना के लिए आवेदन किया था, जिसमें 80 हजार अपात्र हो गए। शेष 2 लाख 20 हजार किसानों में से 1 लाख 75 हजार को किस्त का पैसा मिल रहा है। 45 हजार किसान ऐसे हैं, जिन्होंने बैंक डिटेल, आधार और नाम में गल्तियां की हैं, उनको निधि का पैसा नहीं मिल पा रहा है।
बांदा। चित्रकूटधाम मंडल में हरेक किसान को हर साल 6000 रुपये की प्रधानमंत्री सम्मान निधि दो वर्षों के बाद भी पूरी तरह से परवान नहीं चढ़ सकी। आवेदन में कई अड़ंगे या किसानों की बेरुखी दोनों ही कारण हो सकते हैं। बहरहाल मंडल में करीब सवा लाख किसान पात्रता की श्रेणी में आने के बाद भी फिलहाल इस सम्मान निधि से वंचित हैं। बांदा में तो साढ़े 39 हजार किसानों ने आवेदन ही नहीं किया। हमीरपुर में 51 हजार किसानों के आवेदन जांच में अटके हैं। इसी तरह चित्रकूट में 21 हजार और महोबा में 18 हजार किसान अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के सम्मान से महरूम हैं।
बांदा में पीएम किसान सम्मान निधि योजना (पीकेएसवाई) में 3 लाख 39 हजार 645 किसानों को पात्र माना गया है। इसमें सिर्फ 3 लाख 133 किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। शेष किसानों ने इससे किनारा कर रखा है। शायद उन्हें तमाम औपचारिकताओं और दौड़धूप के बाद साल में महज 6000 रुपये का सम्मान मंजूर नहीं है। या फिर आवेदन की औपचारिकताएं आड़े आ गई हैं। हमीरपुर में दो लाख 17 हजार किसान इस योजना में पंजीकृत और पात्र पाए गए हैं।
इनमें मात्र 1.66 लाख को ही निधि दी जा रही है। चित्रकूट में 1.65 लाख किसानों को पात्र पाया गया है। निधि सिर्फ 1.44 लाख को ही मिल रही है। लगभग 21 हजार वंचित हैं। महोबा में करीब डेढ़ लाख पात्र किसानों में 1.32 लाख को ही फिलहाल निधि पहुंच रही है। बांदा के कृषि विभाग के ताजे आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2011 के भू अभिलेखों में किसानों की संख्या 2 लाख 64 हजार 404 थी। जुलाई 2019 में संशोधित भूलेख में संख्या बढ़कर 3 लाख 74 हजार 878 हो गई।
विभाग ने बांदा के 3 लाख 39 हजार 645 किसानों को पात्र मानते हुए पंजीकरण कर लिया है। उनसे आवेदन लिए जा रहे हैं। पात्र किसानों में 39 हजार 512 ने आवेदन नहीं किया। यह सच्चाई कृषि विभाग के उप निदेशक ने 28 जनवरी को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में लिखित रूप से आंकड़ों में भी दर्शाई है। पंजीकृत किसानों में 2 लाख 85 हजार 958 किसानों का डाटा पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) को भुगतान के लिए भेजा गया है।
शेष 14 हजार 148 किसानों का डाटा कई स्तर पर फिल्टर प्रक्रिया में है। दो लाख 36 हजार 109 किसानों को नियमित रूप से पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। 7134 आधार कार्ड इनवैलिड हुए हैं, उन्हें संशोधन के लिए भेजा गया है। 4566 आवेदन सत्यापन के लिए लंबित हैं। इनके संशोधन की कार्रवाई गांव पंचायत स्तर पर की जा रही है।
सम्मान निधि में रोड़ा बने आधार कार्ड
इनवैलिड आधार-7134
आधार से नाम का मिसमैच-10,987
ओपन सोर्स से फीड डाटा का शेष सत्यापन-4566
आधार संशोधन अवशेष प्रकरण-22,687
आधार जरूरी, जोत सीमा खत्म
आधार कार्ड के बगैर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा। इसमें किसानों की जोत सीमा खत्म कर दी गई। शुरुआत में उन्हीं किसानों को शामिल किया गया था। जिनके पास दो हेक्टेयर या पांच एकड़ खेती योग्य जमीन हो, लेकिन केंद्र सरकार ने अब यह सीमा खत्म कर दी है।
तीन किस्तों में 6000 रुपये सालाना मदद
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पहली दिसंबर 2018 को लागू हुई थी। इसके तहत किसानों को तीन किस्तों में छह हजार रुपये सालाना मदद दी जाती है। यह पैसा किसान के खाते में भेजा जाता है। यानी हर चार माह में दो हजार रुपये मिलते हैं।
इनको नहीं मिलेगा निधि का लाभ
खेत उसके नाम न होकर पिता या दादा के नाम हो। दूसरे किसान की जमीन लेकर किराये पर खेती करता हो। संस्थागत भूमि धारक किसान परिवार में कोई संवैधानिक पद पर हो। राज्य या केंद्र सरकार के साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी अथवा कर्मचारी। डाक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, सीए, वकील। 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले पेंशन भोगी। इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले। म्युनिसिपल कारपोरेशन या जिला पंचायत में पदधारक। आवेदन में जानबूझकर गलत जानकारी देने वाले।
हमीरपुर में भी हजारों किसान निधि से वंचित
हमीरपुर। करीब 2 लाख 17 हजार किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पंजीकृत हैं। इन किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिलना चाहिए, मगर अभी तक कृषि विभाग एक लाख 66 हजार किसानों को सम्मान निधि दिला पाया, जबकि अभी तक एक लाख 84 हजार किसानों का डाटा फीडिंग तैयार कर चुका है। इसके बावजूद किसी न किसी नए नियम के चलते हजारों किसानों की सम्मान निधि रुक जाती है। दो माह पहले आई किसान सम्मान निधि की किस्त में 14 हजार किसानों की किस्त रुक गई। कुछ किसानों ने आधार कार्ड जमाकर खाते में केवाईसी कराई भी, फिर भी भुगतान नहीं हो सका।
सवा लाख से ज्यादा किसानों को मिल रही निधि
महोबा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ जिले के एक लाख 32 हजार किसानों को मिल रहा है। हालांकि, डाटा फीडिंग व आवेदन सुधार में मनमानी है। जिले के 3800 नए किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। फीडिंग के लिए पांच हजार से अधिक किसानों का डाटा शेष है, जबकि नौ हजार किसानों का डाटा सुधार के लिए लंबित है, जिससे किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उपकृषि निदेशक जीराम का कहना है कि किसानों के डाटा सुधार का काम तेज गति से चल रहा है। जल्द ही शेष किसानों का डाटा सही कराया जाएगा।
सम्मान निधि पाने के लिए लंबी लाइन
चित्रकूट। भले ही सरकारी आंकड़ों में किसान सम्मान निधि लगभग डेढ़ लाख किसानों को मिल रही, लेकिन पात्र किसानों की लंबी लाइन लगी है। आंकड़ों में ही अभी 21 हजार किसानों के कागजातों की जांच चल रही है। कृषि भवन में प्रतिदिन कागज लिए किसानों को भटकते देखा जाता है। जिला कृषि अधिकारी वसंत दुबे ने बताया कि जिले में एक लाख 44 हजार किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। 21 हजार किसानों के कागजातों में कुछ कमी से जांच कराई जा रही है। अब नए नियमों के अनुसार योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को बीमा व केसीसी योजना का भी लाभ लेने को प्रेरित किया गया है।
जालौन में 45 हजार किसान निधि से वंचित
उरई (जालौन)। जिले में एक लाख 75 हजार किसानों को सम्मानि निधि सीधे उनके खातों में भेजी जा रही है। कृषि उप निदेशक आर के तिवारी ने बताया कि तीन लाख किसानों ने योजना के लिए आवेदन किया था, जिसमें 80 हजार अपात्र हो गए। शेष 2 लाख 20 हजार किसानों में से 1 लाख 75 हजार को किस्त का पैसा मिल रहा है। 45 हजार किसान ऐसे हैं, जिन्होंने बैंक डिटेल, आधार और नाम में गल्तियां की हैं, उनको निधि का पैसा नहीं मिल पा रहा है।