न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Fri, 09 Apr 2021 01:50 AM IST
बांदा जिले के गांव तारा में पंचायत चुनाव की सरगर्मी के बीच गोवंश के लिए बाड़ा भी बड़ा मुद्दा है। गांव वालों ने चंदा करके नलकूप के पास ढाई बीघे में बाड़ा बनवाया ताकि छुट्टा गोवंश को उसमें कैद कर दिया जाए। एक महीने बाद रात में दबे पांव कुछ लोगों ने बाड़ा उजाड़ दिया।
सुबह तक गोवंश ने बड़े पैमाने पर फसलों को नष्ट कर दिया। गांव वालों को पता लग गया है कि यह करतूत किसकी है और वे उसे पंचायत चुनाव में सबक सिखाने की ठाने हैं। गांव के रामस्वरूप और प्रवेश ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या छुट्टा जानवरों की है। वे फसल नष्ट कर देते हैं।
तीन महीने पहले गांव वालों ने 10 हजार रुपये चंदा करके बाड़ा बनवाया। इसमें पंचायतमित्र दिलीप सिंह का बड़ा योगदान था। यह बात विरोधी पक्ष के कुछ लोगों को नागवार गुजरी। उन्होंने उनके कान भरे, जिनके खेतों के पास बाड़ा बना था। भड़काया कि रात में बाड़े से निकल कर तुम्हारे खेत जानवर नष्ट कर देंगे।
यह उनकी चाल है जो बाड़ा बनवाने का श्रेय लेकर प्रधानी का चुनाव जीतना चाहते हैं। बस फिर क्या था, कुछ दिन पहले रात को कुछ लोगों ने बाड़ा उजाड़ दिया और जानवर छोड़ दिए। रातोरात बड़े पैमाने पर खेत नष्ट हो गए। प्रधान से शिकायत का कोई फायदा नहीं हुआ।
अब गांव वालों ने तय किया है कि पंचायत चुनाव में सबक सिखाएंगे। राम स्वरूप पटेल कहते हैं कि छुट्टा जानवर बड़ी समस्या हैं। चिल्ला में गौशाला है पर वहां चारे का इंतजाम न होने के कारण गोवंश छोड़ दिए जाते हैं जो यहां तक आ जाते हैं।
जिसने बड़ा तुड़वाया है, उसे चुनाव में मुंह की खानी पड़ेगी। गांव में सिंचाई की सुविधा नहीं यदि बारिश में विलंब हुआ तो नौ कुंतल की जगह पांच-छह कुंतल ही फसल हो पाती है। यदि केन नदी में पंपसेट लगाकर नहर तक पानी पहुंचा दिया तो समस्या खत्म हो जाए।
ये भी मुद्दे
-गांव में इंटर कालेज नहीं है। लड़कियों को दूर पढ़ने नहीं भेजते। -गांव की नहर सूखी है। इसमें कई साल से पानी नही दिखा। -केन नदी के कटान से हजारों बीघा खेती नदी में बह गई।
-15 साल पहले नदी पर रैंप बने थे पर वे पर्याप्त नहीं हैं। -टंकी दूर बनी है तो पीने के पानी की बड़ी समस्या है। -एक के बकाए पर पूरे गांव की बिजली फीडर बंद कर देते। -गांव की प्रधान हैं गीता देवी लेकिन उनके पति काम संभालते हैं।
बांदा जिले के गांव तारा में पंचायत चुनाव की सरगर्मी के बीच गोवंश के लिए बाड़ा भी बड़ा मुद्दा है। गांव वालों ने चंदा करके नलकूप के पास ढाई बीघे में बाड़ा बनवाया ताकि छुट्टा गोवंश को उसमें कैद कर दिया जाए। एक महीने बाद रात में दबे पांव कुछ लोगों ने बाड़ा उजाड़ दिया।
सुबह तक गोवंश ने बड़े पैमाने पर फसलों को नष्ट कर दिया। गांव वालों को पता लग गया है कि यह करतूत किसकी है और वे उसे पंचायत चुनाव में सबक सिखाने की ठाने हैं। गांव के रामस्वरूप और प्रवेश ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या छुट्टा जानवरों की है। वे फसल नष्ट कर देते हैं।
तीन महीने पहले गांव वालों ने 10 हजार रुपये चंदा करके बाड़ा बनवाया। इसमें पंचायतमित्र दिलीप सिंह का बड़ा योगदान था। यह बात विरोधी पक्ष के कुछ लोगों को नागवार गुजरी। उन्होंने उनके कान भरे, जिनके खेतों के पास बाड़ा बना था। भड़काया कि रात में बाड़े से निकल कर तुम्हारे खेत जानवर नष्ट कर देंगे।
यह उनकी चाल है जो बाड़ा बनवाने का श्रेय लेकर प्रधानी का चुनाव जीतना चाहते हैं। बस फिर क्या था, कुछ दिन पहले रात को कुछ लोगों ने बाड़ा उजाड़ दिया और जानवर छोड़ दिए। रातोरात बड़े पैमाने पर खेत नष्ट हो गए। प्रधान से शिकायत का कोई फायदा नहीं हुआ।
अब गांव वालों ने तय किया है कि पंचायत चुनाव में सबक सिखाएंगे। राम स्वरूप पटेल कहते हैं कि छुट्टा जानवर बड़ी समस्या हैं। चिल्ला में गौशाला है पर वहां चारे का इंतजाम न होने के कारण गोवंश छोड़ दिए जाते हैं जो यहां तक आ जाते हैं।
जिसने बड़ा तुड़वाया है, उसे चुनाव में मुंह की खानी पड़ेगी। गांव में सिंचाई की सुविधा नहीं यदि बारिश में विलंब हुआ तो नौ कुंतल की जगह पांच-छह कुंतल ही फसल हो पाती है। यदि केन नदी में पंपसेट लगाकर नहर तक पानी पहुंचा दिया तो समस्या खत्म हो जाए।
ये भी मुद्दे
-गांव में इंटर कालेज नहीं है। लड़कियों को दूर पढ़ने नहीं भेजते। -गांव की नहर सूखी है। इसमें कई साल से पानी नही दिखा। -केन नदी के कटान से हजारों बीघा खेती नदी में बह गई।
-15 साल पहले नदी पर रैंप बने थे पर वे पर्याप्त नहीं हैं। -टंकी दूर बनी है तो पीने के पानी की बड़ी समस्या है। -एक के बकाए पर पूरे गांव की बिजली फीडर बंद कर देते। -गांव की प्रधान हैं गीता देवी लेकिन उनके पति काम संभालते हैं।