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Mukhtar Ansari: सजा सुनते ही मुख्तार ने पकड़ लिया सिर, पसीने से तरबतर होकर जमीन पर लेटा, चेहरे से उड़ीं हवाइयां

अमर उजाला नेटवर्क, बांदा Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 06 Jun 2023 11:34 AM IST
सार

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉफ्रेंसिंग से पेश किया गया। जेल सूत्रों के अनुसार जज ने जैसे ही उम्रकैद की सजा सुनाई, मुख्तार अंसारी के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं, अचानक सिर पकड़ लिया और जमीन पर लेट गया। पसीने से तर-बदर मुख्तार को देखकर जेल अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए। 

awadhesh rai hatyakand Mukhtar held his head as soon as he heard punishment lying on ground drenched in sweat
Mukhtar Ansari - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने सोमवार को 32 साल पुराने अवधेश हत्याकांड मामले में बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को जज ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मुख्तार की वीडियो कॉफ्रेंसिंग से पेशी कराई गई। सजा सुनते ही मुख्तार ने सिर पकड़ लिया और पसीने से तरबतर होकर कुछ देर के लिए वहीं पर जमीन पर लेट गया। 


इसके बाद जेलर ने डॉक्टर से ब्लड प्रेशर की जांच कराकर उसे उसकी बैरक में भेज दिया। कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी शहर के चेतगंज में तीन अगस्त 1991 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अवधेश राय की हत्या के मामले में आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था। 


रविवार को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने 32 साल पुराने इस मामले में फैसला सुनाया। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉफ्रेंसिंग से पेश किया गया। जेल सूत्रों के अनुसार जज ने जैसे ही उम्रकैद की सजा सुनाई, मुख्तार अंसारी के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं, अचानक सिर पकड़ लिया और जमीन पर लेट गया। 

पसीने से तर-बदर मुख्तार को देखकर जेल अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए। आनन-फानन डॉक्टर को बुलाकर मुख्तार के ब्लड प्रेशर की जांच कराई गई इसके बाद आराम करने की सलाह देते हुए बैरक में भेज दिया।

सूत्र बताते ही कि मुख्तार रविवार को आने वाले फैसले को लेकर खासा चितिंत था। उसने रविवार की शाम से ही खाना नहीं खाया था। रातभर जागकर करवटें बदलते रहा। सोमवार सुबह पेशी से पहले और बैरक में पहुंचने के बाद उससे खाने के लिए पूछा गया तो मुंह से बोल नहीं फूटा, सिर्फ सिर हिलाकर न में जवाब दिया। जेल अधिकारी उसके चेहरे की टेंशन को भांपने के बाद वापस आ गए।

सुरक्षा में दो डिप्टी जेलर व एक दर्जन से अधिक बंदी रक्षक
कारागार अधीक्षक वीरेश्वर राज का कहना है कि मुख्तार को इससे पहले भी गैंगस्टर मामले में सजा हो चुकी है, लेकिन वह इतना विचलित कभी नहीं रहा। उम्रकैद की सजा सुनने के बाद से वह ज्यादा परेशान हो गया है। जेल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मुख्तार की प्रत्येक गतिविधियों की सीसीटीवी के जरिए कड़ी नजर रखी जाए। मुख्तार से फिलहाल अभी दूर बनाकर रखें। 
 

ड्यूटी के दौरान पूरी सतर्कता रखें। खाना, पानी समय पर दिया जाए। चिकित्सक स्टाफ से भी कहा गया कि वह मुख्तार का प्रत्येक दो घंटे में चेकअप करें। किसी तरह की परेशानी होने पर उपचार किया जाए। कहा कि उम्रकैद के ज्यादातर बंदी सेंट्रल जेल नैनी भेज दिए जाते हैं। मुख्तार नैनी जाएगा या नहीं यह फैसला शासन लेगा। फिलहाल मुख्तार की सुरक्षा में दो डिप्टी जेलर व एक दर्जन से अधिक बंदी रक्षक लगे हैं।

अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद
आपको बता दें कि विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने सोमवार को करीब 32 वर्ष पुराने अवधेश राय हत्याकांड के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर मुख्तार को छह महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। 

 

मुख्तार ने अब तक जेल में जो समय बिताया है, वह आजीवन कारावास की सजा में समायोजित हो जाएगी। अदालत ने बांदा के जेल अधीक्षक को निर्देशित किया और कहा कि अवधेश राय की हत्या से जुड़े मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी जमानत पर है। उसकी जमानत निरस्त की जाती है। उसे तत्काल न्यायिक अभिरक्षा में लिया जाए। 


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इस फैसले के साथ ही तय हो गया कि अब माफिया मुख्तार अंसारी को ताउम्र जेल में ही रहना होगा। इससे पहले दिल्ली, लखनऊ और गाजीपुर की अदालतें भी मुख्तार अंसारी को सजा सुना चुकी हैं। जानकारी मुताबिक, तीन अगस्त 1991 को चेतगंज थाने से लगभग सौ मीटर की दूरी पर स्थित घर के दरवाजे पर ही अंधाधुंध गोलियां बरसाकर अवधेश राय की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। 


यह भी पढ़ें: Mukhtar Ansari: जलती चिता के सामने खाई थी कसम... डरूंगा नहीं, डटा रहूंगा; अजय राय बोले-मेरे सामने मारी थी गोली

बदमाश बिना नंबर प्लेट की सफेद रंग की मारुति वैन से आए थे। परिजन अवधेश को लेकर अस्पताल गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इस मामले में अवधेश राय के छोटे भाई अजय राय की तहरीर के आधार पर चेतगंज थाने की पुलिस ने मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, राकेश न्यायिक, कमलेश सिंह और पूर्व विधायक अब्दुल कलाम के अलावा एक अज्ञात के खिलाफ हत्या और बलवा सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था। 
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