बांदा। मानसून को लेकर की जा रही भविष्यवाणियां लगातार फ्लाप हो रही हैं। वर्षा ऋतु की शुरुआत हुए 10 दिन बीत गए पर मानसून अभी तक मेहरबान नहीं हुआ है। पिछले वर्ष जून में जहां 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई थी, वहीं इस बार मात्र बूंदाबांदी ही हुई है।
15 जून से बारिश का मौसम शुरू मान लिया जाता है। पिछले वर्ष 9 जून से ही बारिश शुरू हो गई थी लेकिन अबकी मानसून कुछ सुस्त नजर आ रहा है। 10 दिन बीत जाने के बाद भी तेज धूप और लू के थपेडे़ थम नहीं रहे। अलबत्ता दो दिन मामूली बूंदाबांदी और बादलों से यह आभास हुआ था कि मानसून की आमद नजदीक है लेकिन इस कयास पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जानकारों का कहना है कि मानसून आने के पहले कुछ बादल बूंदाबांदी करते हैं, यह वही हैं। झमाझम बारिश मानसून की आमद पर ही होगी। तभी भीषण गर्मी और उमस से राहत मिलेगी।
पिछले वर्ष जून में 14 दिन बारिश हुई थी। सबसे ज्यादा 47.9 मिलीमीटर वर्षा 21 जून को हुई थी। इसके अलावा 15 जून, 17 जून, 20 जून, 22 जून और 23 जून को बारिश हुई थी। इस वर्ष इन तिथियों में तेज धूप और लू के थपेडे़ चल रहे हैं। मौसम का मिजाज बदला हुआ है। रात में भी उमस से लोग बेहाल हैं। किसान भी परेशान हैं। पिछले जून माह में पर्याप्त बारिश हो जाने से खेतीबारी का काम शुरू हो गया था लेकिन इस बार फिलहाल आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं।
बांदा। मानसून को लेकर की जा रही भविष्यवाणियां लगातार फ्लाप हो रही हैं। वर्षा ऋतु की शुरुआत हुए 10 दिन बीत गए पर मानसून अभी तक मेहरबान नहीं हुआ है। पिछले वर्ष जून में जहां 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई थी, वहीं इस बार मात्र बूंदाबांदी ही हुई है।
15 जून से बारिश का मौसम शुरू मान लिया जाता है। पिछले वर्ष 9 जून से ही बारिश शुरू हो गई थी लेकिन अबकी मानसून कुछ सुस्त नजर आ रहा है। 10 दिन बीत जाने के बाद भी तेज धूप और लू के थपेडे़ थम नहीं रहे। अलबत्ता दो दिन मामूली बूंदाबांदी और बादलों से यह आभास हुआ था कि मानसून की आमद नजदीक है लेकिन इस कयास पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जानकारों का कहना है कि मानसून आने के पहले कुछ बादल बूंदाबांदी करते हैं, यह वही हैं। झमाझम बारिश मानसून की आमद पर ही होगी। तभी भीषण गर्मी और उमस से राहत मिलेगी।
पिछले वर्ष जून में 14 दिन बारिश हुई थी। सबसे ज्यादा 47.9 मिलीमीटर वर्षा 21 जून को हुई थी। इसके अलावा 15 जून, 17 जून, 20 जून, 22 जून और 23 जून को बारिश हुई थी। इस वर्ष इन तिथियों में तेज धूप और लू के थपेडे़ चल रहे हैं। मौसम का मिजाज बदला हुआ है। रात में भी उमस से लोग बेहाल हैं। किसान भी परेशान हैं। पिछले जून माह में पर्याप्त बारिश हो जाने से खेतीबारी का काम शुरू हो गया था लेकिन इस बार फिलहाल आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं।