बांदा। लाठी-डंडों से पीटकर हत्या करने के जुर्म में तीन आरोपियों को न्यायालय ने दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष की कैद और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर प्रत्येक को छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जसपुरा थाना क्षेत्र के नरायण गांव की जसुदिया पत्नी संतराम केवट ने 22 नवंबर 2009 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 19 नवंबर की दोपहर उसका पति संतराम बजरंग डेरा में कुछ लोगों के साथ ताश खेल रहा था। तभी जंगल की ओर से रामबहादुर पुत्र बाबू, मोहनलाल पुत्र शिवनाथ, झुरिया पुत्र पुत्तन और शिवबहादुर पुत्र बाबू आ गए। ये सब लाठी, तमंचा और फरसा से लैस थे। इन चारों ने भी ताश खेलने को कहा। संतराम ने मना कर दिया। इस पर इन सभी ने संतराम को लाठी-डंडों से पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे जिला अस्पताल लाया गया। यहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। संतराम की उम्र 26 वर्ष थी। पुलिस ने धारा 304 व 323 आईपीसी की रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के बाद पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। एक अभियुक्त शिवबहादुर के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता मूलचंद्र कुशवाहा, शिवभूषण वर्मा और कैलाश सिंह गौतम ने सात गवाह पेश किए।
बृहस्पतिवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डा.गोकुलेश शर्मा ने इस मामले का फैसला सुनाया। अभियुक्त रामबहादुर, मोहनलाल व झुरिया को धारा 304 आईपीसी में दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष की कैद और पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना न अदा करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कैद होगी।
बांदा। लाठी-डंडों से पीटकर हत्या करने के जुर्म में तीन आरोपियों को न्यायालय ने दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष की कैद और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर प्रत्येक को छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जसपुरा थाना क्षेत्र के नरायण गांव की जसुदिया पत्नी संतराम केवट ने 22 नवंबर 2009 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 19 नवंबर की दोपहर उसका पति संतराम बजरंग डेरा में कुछ लोगों के साथ ताश खेल रहा था। तभी जंगल की ओर से रामबहादुर पुत्र बाबू, मोहनलाल पुत्र शिवनाथ, झुरिया पुत्र पुत्तन और शिवबहादुर पुत्र बाबू आ गए। ये सब लाठी, तमंचा और फरसा से लैस थे। इन चारों ने भी ताश खेलने को कहा। संतराम ने मना कर दिया। इस पर इन सभी ने संतराम को लाठी-डंडों से पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे जिला अस्पताल लाया गया। यहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। संतराम की उम्र 26 वर्ष थी। पुलिस ने धारा 304 व 323 आईपीसी की रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के बाद पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। एक अभियुक्त शिवबहादुर के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता मूलचंद्र कुशवाहा, शिवभूषण वर्मा और कैलाश सिंह गौतम ने सात गवाह पेश किए।
बृहस्पतिवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डा.गोकुलेश शर्मा ने इस मामले का फैसला सुनाया। अभियुक्त रामबहादुर, मोहनलाल व झुरिया को धारा 304 आईपीसी में दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष की कैद और पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना न अदा करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कैद होगी।