बांदा। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा है कि वह अस्पतालों में आम मरीज बनकर अचानक निरीक्षण करेंगे। इसकी शुरूआत भी कर दी है लेकिन बांदा जिला अस्पताल के डाक्टर और अन्य कर्मचारी इससे बेफिक्र और बेखौफ दिखते हैं। उनके ढर्रे में कोई बदलाव नहीं है। अस्पताल की बदहाली चरम पर है। इंतजाम ऐसे हैं कि भीषण गर्मी में बचने के लिए कई मरीज-तीमारदार घर से पंखे लाकर हवा खा रहे हैं। लोगों ने बताया कि दिक्कतों की शिकायत करो तो सीएमएस साहब फरमाते हैं कि कार्रवाई करेंगे।
जिला अस्पताल में भर्ती मरीज अपना भाग्य कोसते हैं। इन दिनों पड़ रही शिद्दत की गर्मी में उन्हें दोहरा दर्द है। एक बीमारी का और दूसरा अस्पताल की अव्यवस्थाओं का। एसी और कूलर तो दरकिनार सीलिंग फैन भी हवा नहीं दे रहे। वार्डाें में खटारा खिड़कियों से दिनभर गर्म हवाएं और लू के थपेडे़ मरीज और उनके तीमारदारों को बेहाल किए रहते हैं। अधिकांश मरीजों ने खिड़कियों पर अपने चादर या अन्य कपड़े का पर्दा डाल रखा है। जनरल वार्ड की कौन कहे इमरजेंसी वार्ड में यही हाल है। यहां के कुछ मरीजों के तीमारदार अपने घरों से टेबिल फैन लाए हैं। महिला वार्ड में मच्छरों और गर्म हवा से बचने के लिए खुद मरीजों ने अपने बेड को मच्छरदानी के साथ चादरों से ढाक रखा है।
तीमारदार दीपक सोनी (खिन्नीनाका) ने बताया कि अस्पताल की टंकी का पानी इतना गर्म होता है कि पिया नहीं जा सकता। तीमारदारों ने अपने पास मटके रख लिए हैं।
अस्पताल का वाटर कूलर शोपीस बना हुआ है। बिजली जाने के बाद मरीज और तीमारदार दोनों का ही हाल बुरा होता है। छुट्टी के दिन गंदगी चरम पर होती है। सीएमएस डा.गोपाल सिंह धानिक हर समस्या और शिकायत पर यही कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि कार्रवाई की जाएगी।