बांदा। भीषण गर्मी से जूझ रहे बुंदेलखंड के चित्रकूटधाम मंडल में जल संस्थान को पेयजल आपूर्ति में पसीने छूट रहे हैं। तमाम जुगाड़ों के बाद भी मंडल के चारों जनपदों की करीब आठ लाख शहरी आबादी को सवा दो करोड़ लीटर पानी रोजाना कम मिल रहा है। क्षेत्र की ज्यादातर नदियां पतली जलधारा बन गईं हैं। कई तो सूख भी गई हैं। गर्मी तीखी हो गई है और नलकूप और कुओं का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। कई जगह तो ऐसी भी हैं जहां पर लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।
चित्रकूटधाम मंडल जल संस्थान बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा जनपदों के लगभग दो दर्जन नगरीय क्षेत्रों में पाइप लाइनों के जरिए जलापूर्ति करता है। इन चारों जनपदों के नगरीय क्षेत्रों में अब जनसंख्या बढ़कर 7,93,802 हो गई है। इस भारी भरकम आबादी को 135 लीटर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति के मानक से जलापूर्ति कर पाने में जल संस्थान के छक्के छूट रहे हैं। तमाम मशक्कतों के बाद भी यह मानक पूरा नहीं हो पा रहा है। जल संस्थान के मुताबिक चारों जिलों के नगरीय क्षेत्रों में 172.03 एमएलडी (17 करोड़ 20 लाख 30 हजार लीटर प्रतिदिन) पानी की मांग है। लेकिन जल संस्थान अपने स्रोतों से तमाम जद्दोजहद के बाद 149.57 एमएलडी (14 करोड़ 95 लाख 70 हजार लीटर प्रतिदिन) पानी दे पा रहा है। दो करोड़ 24 लाख 60 हजार लीटर पानी रोजाना कम पड़ रहा है। यह आंकड़े जल संस्थान के हैं। जमीनी हकीकत में पानी की कमी कहीं इससे ज्यादा है।बांदा जनपद के नगरीय क्षेत्रों में 36.68 एमएलडी की मांग है। आपूर्ति सिर्फ 31.06 एमएलडी हो रही है। 5.62 एमएलडी पानी प्रतिदिन कम आपूर्ति हो रहा है। चित्रकूट में 36.31 एमएलडी की मांग पर आपूर्ति सिर्फ 24.88 एमएलडी हो रही है। 11.43 एमएलडी पानी का टोटा है। महोबा जनपद के नगरीय इलाकों में पानी की सबसे ज्यादा 83.10 एमएलडी पानी की मांग है। आपूर्ति का दावा 72.31 एमएलडी का है। 10.79 एमएलडी पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही। जल संस्थान के आंकड़ों की माने तो हमीरपुर जनपद में मांग से ज्यादा आपूर्ति हो रही है। यहां मांग 15.94 एमएलडी बताई गई है। जबकि आपूर्ति 21.32 एमएलडी हो रही है। 5.38 एमएलडी पानी जरूरत से ज्यादा दिया जा रहा है। जल संस्थान महाप्रबंधक आरबी सिंह का कहना है कि कुओं का जल स्तर घटा है। लेकिन नलकूप पर्याप्त पानी दे रहे हैं। इसलिए पानी का बहुत ज्यादा संकट नहीं है।